कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए बिकरू कांड के अपराधी दहशतगर्द विकास दुबे से यारी निभाने में आठ पुलिस कर्मियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी है। जांच कर रही एसआईटी ने आठ पर धारा 14(1) (बड़ा दंड) की कार्रवाई की संस्तुति की है। छह के डिमोशन होने की संभावना है। उनके खिलाफ टीम ने धारा 14(2) (लघु दंड) की संस्तुति की है।
वहीं 23 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई होनी है। अब एडीजी जोन एसआईटी जांच पर आगे की विभागीय कार्रवाई करेंगे। बिकरू कांड में एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश शासन के सचिव तरुण गाबा ने डीजीपी और एडीजी कानपुर को जांच में दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
शासन द्वारा भेजे गए आदेश को कानपुर में अधिकारियों ने संज्ञान में लिया है। उन्होंने शासन से उस रिपोर्ट की मांग की है, जिसमें एसआईटी ने यह बताया है कि किस पुलिसकर्मी पर क्या आरोप तय किया गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद अधिकारी द्वारा आरोपी पुलिस कर्मियों को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा। उसके बाद कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।
पुलिस नियमावली के अनुसार वृहद दंड के तहत दोषी पाए जाने पर न्यूनतम सजा तीन साल के लिए न्यूनतम वेतनमान पर भेजे जाने का प्रावधान है। इसके अलावा इंस्पेक्टर व दरोगा रैंक के अधिकारी को तीन साल तक थानेदारी नहीं मिलेगी और दस साल तक प्रमोशन नहीं होगा।
वहीं इसके तहत अधिकतम सजा बर्खास्तगी है। वहीं लघु दंड के दोषियों को तीन साल तक थानेदारी न मिलने व दस साल तक प्रमोशन न मिलने की सजा मिलेगी। अधिकतम डिमोशन हो सकता है। हालांकि इससे पहले डिप्टी एसपी रैंक के एक अधिकारी के सामने आरोपी पुलिसकर्मी अपना पक्ष रखेंगे, बहस होगी और उसके बाद सजा सुनाई जाएगी।