असम। अपनी बेटी समेत कई छात्राओं के साथ दुष्कर्म के आरोप में असम पुलिस ने पूर्वोत्तर के एकमात्र लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष कुंडू को गिरफ्तार कर लिया है।
राज्य में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय अंग्रेजी समाचार पत्र में कार्य कर चुकी बेटी ने कुंडू पर आरोप लगाया था कि 10 वर्ष की आयु से वह उसके साथ दुष्कर्म कर रहे थे। इसके बाद एक-एक कर कई अन्य छात्राओं ने भी कुंडू पर यौन दुर्व्यवहार और दुष्कर्म के आरोप लगाए। पुलिस इन सभी के बयान दर्ज कर रही है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले में कुंडू की पत्नी गीता ने न केवल उनका साथ दिया बल्कि उनका खुलकर बचाव भी किया। असम प्रशासनिक सेवा की अधिकारी गीता राज्य के शिक्षा विभाग में उपसचिव हैं।
कभी राज्य के महालेखा कार्यालय में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत रहे आशुतोष कुंडू ने 10 साल पहले लॉ में पीएचडी करने के बाद असम के एकमात्र बीआरएम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में बतौर प्राध्यापक काम शुरू किया था।
कुंडू को प्रिंसिपल बनवाने में उनकी पत्नी का बड़ा हाथ था। उनके पूर्ववर्ती के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच समिति में वह स्वयं सदस्य थीं। पति के सभी मामलों को दबाने में उनकी सक्रिय भूमिका थी।
कुंडू की बेटी ने गुवाहाटी के मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करा दिया है। उसका चिकित्सीय परीक्षण भी हो चुका है। हालांकि अभी इस मामले में पुलिस ने पास्को एक्ट नहीं लगाया है। बेटी ने अपने स्कूल के शिक्षकों और सहपाठियों को भेजे जिन ई-मेल और मैसेज में अपने साथ हुए दुर्व्यवहार का जिक्र किया था, उन्हें भी पुलिस को सौंप दिया है।
मामले की जांच कर रही एसीपी रोजी तालुकदार ने बताया कि कुंडू को जेल भेज दिया गया है लेकिन उनकी पत्नी लंबी छुट्टी लेकर कहीं चली गई हैं। उनके खिलाफ भी सबूत जुटाए जा रहे हैं।