दुर्गा पूजा के दौरान पश्चिम बंगाल में उमड़ी भीड़ अब भारी पड़ रही है। दुर्गा पूजा के बाद से ही पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के आंकड़ें तेजी से बढ़ रहे हैं। 16 अक्टूबर को जहां बंगाल में कोरोना के 443 नए मामले आए थे, तो वहीं पिछले सात दिनों में यह आंकड़ा लगभग दोगुना हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोलकाता में शुक्रवार को संक्रमण के 242 नए मामले दर्ज किए गए हैं, यह आंकड़ा पिछले शुक्रवार यानि 16 अक्टूबर को 127 था। वहीं, पूरे पश्चिम बंगाल की बात करें तो पिछले 24 घंटों में कोरोना के 846 नए मामले दर्ज किए गए हैं, इस दौरान 12 संक्रमित मरीजों की मौत हुई है।
विशेषज्ञों और अधिकारियों का कहना है कि दुर्गा पूजा के दौरान जुटी भीड़ और कोरोना प्रोटोकॉल न फॉलो करने के कारण संक्रमण के आंकड़ें बढ़ रहे हैं। कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य प्रभारी अतिन घोष ने कहा, दुर्गा पूजा के दौरान सड़कों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी। इस दौरान लोगों ने न तो मास्क पहना था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया था। घोष ने कहा कि इस दौरान लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टी भी रद्द कर दी थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना का पीक अभी खत्म नहीं हुआ है और आम जनता को ये समझना होगा।
नागरिक अधिकारियों का कहना है कि खतरे वाली बात यह है कि नए संक्रमणों में से अधिकांश (200) स्पर्शोन्मुख (छूने से फैलने वाली) हैं, जिसका अर्थ है कि ऐसे लोग वायरस फैला सकते हैं। कोलकाता के सीएमआरआई अस्पताल के डॉ राजा धर का कहना है कि अगले सप्ताह कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं, ऐसे में अस्पतालों में सभी तरह की मेडिकल तैयारियां पूरी की जानी चाहिए।
कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा होने के साथ-साथ राज्य में पॉजिटिविटी रेट भी तेजी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 20 अगस्त को जहां 1.6 फीसदी ही थी तो वहीं 20 सितंबर को 1.9 फीसदी और 20 अक्टूबर को 2.4 फीसदी तक पहुंच गया है।