ठाड़े/मुंबई। धार्मिक लीडर अभिजीत सरग उर्फ कालीचरण महाराज को गुरुवार को ठाणे की एक अदालत ने जमानत देते हुए 15,000 रुपये के मुचलके पर रिहा कर दिया। कालीचरण के वकील ने तर्क दिया कि उनके खिलाफ दर्ज मामले की जांच वर्धा में पहले से चल रही है और उन्हें पहले ही पुणे कोर्ट से भी जमानत मिल चुकी है। ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड द्वारा 29 दिसंबर को महात्मा गांधी के बारे में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में कालीचरण के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था।
कालीचरण की ओर से दलील देने वाले अधिवक्ता समृद्धि पाटिल ने कहा, “हमारा तर्क बहुत स्पष्ट था, कि अगर एक ही मामले की जांच किसी विशेष पुलिस स्टेशन में चल रही है, तो दूसरे पुलिस स्टेशन को उसी मामले के लिए हिरासत में रखने की जरूरत क्यों है? इस केस में दूसरे थाने में मामला दर्ज कराने की जरूरत नहीं थी। पुणे की अदालत पहले ही उन्हें जमानत दे चुकी है और इसलिए ठाणे सत्र अदालत ने भी गुरुवार को उन्हें 15000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी।”
इससे पहले कालीचरण महाराज को पहले ठाणे कोर्ट ने तीन फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा था। दरअसल 26 दिसंबर को शूट किए गए एक भाषण के दौरान स्व-घोषित गॉडमैन कालीचरण का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसे कथित तौर पर महात्मा गांधी और उनके राजनीतिक कदमों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां करते हुए सुना जा सकता है। कालीचरण ने भारत के विभाजन के लिए गांधी को दोषी ठहराया और गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का समर्थन किया। उन्होंने एक कदम और आगे बढ़कर हत्या के लिए गोडसे को धन्यवाद भी दिया। ये वीडियो वायरल होने के बाद उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गईं, जिसके कारण उन्हें 30 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया।
इसी आधार पर मंत्री आव्हाड ने कालीचरण खिलाफ ठाणे के नौपाड़ा थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 (ए), 298, 505 (2), 506 और 34 के तहत मामला दर्ज किया था।