नई दिल्ली. कोरोना के ओमीक्रोन स्वरूप की चपेट में आए मरीज की महज एक सांस आपको संक्रमित कर सकती है. ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने ओमीक्रोन को बहुत ज्यादा संक्रामक करार देते हुए दुनियाभर के लोगों इस बारे में आगाह किया है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, पहले खांसते या छींकते वक्त शरीर से बाहर निकली छोटी सी बूंद से संक्रमण फैल रहा था, लेकिन अब सांस का एक हल्का सा झोंका भी इंसानों को आसानी से अपनी चपेट ले सकता है. ऐसे में लोगों को पहले से भी ज्यादा सतर्क रहना होगा.
न्यू एंड इमर्जिंग रेस्पिरेटरी वायरस थ्रेट्स एडवाइजरी ग्रुप से जुड़े प्रोफेसर पीटर ओपेनशॉ ने कहा कि हम बहुत खुशनसीब थे कि शुरुआत में वायरस अत्यधिक संक्रामक नहीं था. हमने इस वायरस को कई चरणों में म्यूटेट होते देखा है.
उन्होंने कहा कि यह कम टीकाकरण दर वाले देशों में विशेष रूप से खतरनाक होगा. कुछ देशों में टीकाकरण की स्थिति अच्छी है, पर वहां स्थिति नाजुक हो सकती है जहां टीकाकरण की दर केवल पांच प्रतिशत है, और वे ओमीक्रोन के संपर्क में आ रहे हैं.
वहीं, प्रोफेसर क्रिस्टीना पगेल का कहना है कि ओमीक्रोन के मरीज भले ही आईसीयू में कम भर्ती हो रहे हों, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. इसके मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं.
प्रोफेसर पीटर ने कहा कि ब्रिटेन में तकरीब 90 प्रतिशत मामलों के लिए अकेले ओमीक्रोन जिम्मेदार है. जल्दी ही यह डेल्टा से आगे निकल जाएगा. हालांकि, कई शोध में ओमीक्रोन से हल्के लक्षण होने का दावा किया गया है. बता दें कि भारत में इस स्वरूप के 1,600 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.