रांची. झारखंड में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही हेमंत सोरेन एक्शन में दिख रहे हैं. आज उन्होंने कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए. हेमंत सोरेन की कैबिनेट ने छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम में संशोधन का विरोध करने और पत्थलगड़ी करने के संबंध में दर्ज मामले वापस लिए जाने के फैसले लिए.
इसके साथ ही झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों की सभी रिक्तियां यथाशीघ्र भरने का निर्देश दिया गया. झारखंड सूचना विभाग के अनुसार, ”कैबिनेट द्वारा अनुबंध कर्मियों, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, विभिन्न श्रेणियों के पेंशन भोगियों सभी प्रकार की छात्रवृत्तियां एवं पारा शिक्षकों से संबंधित सभी लंबित भुगतान पूर्ण कराने के लिए प्रखंड और पंचायत स्तर पर शिविर लगा कार्रवाई का निर्देश दिया गया.”
कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, यौन शोषण उत्पीड़न मामलों में शीघ्र सुनवाई पूरी करने के लिए सभी जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाएगा. बता दें कि जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी ने ये सभी वायदे अपने घोषणापत्र में किए थे.
पांचवीं झारखंड विधानसभा का प्रथम सत्र छह जनवरी 2020 से आठ जनवरी 2020 तक होगा. नए विधानसभा सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए JMM के विधायक स्टीफन मरांडी प्रोटेम स्पीकर बनाए जाएंगे.
झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में 44 वर्षीय आदिवासी नेता हेमंत सोरेन ने आज शपथ ली. सोरेन के साथ कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और आरजेडी विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी कैबिनेट मंत्रियों के तौर पर शपथ ली.
हाल में हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम)-कांग्रेस- राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) गठबंधन ने 81 सदस्यीय सदन में 47 सीटों पर जीत दर्ज कर बहुमत हासिल किया था. मुख्यमंत्री के रूप में सोरेन का यह दूसरा कार्यकाल है. इससे पहले वह 2009 और 2013 के बीच उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री रहे थे.