फ़टाफ़ट डेस्क। हिमाचल स्वास्थ्य विभाग का एक और कारनामा सामने आया है। बिलासपुर के घुमारवीं की टीम ने 36 साल पहले मृत व्यक्ति के कोरोना सैंपल लेने का मैसेज उसके परिजनों को भेज दिया।
मैसेज में व्यक्ति को आइसोलेट होने की भी हिदायत दे दी और सैंपल जांच के लिए आईजीएमसी शिमला भेजने की भी बात कही। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्यप्रणाली से परिवार वाले भौचक्के हैं। इससे कोविड टेस्ट के आंकड़ों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार घुमारवीं स्वास्थ्य विभाग की टीम एक दिसंबर को पडयालग पंचायत के गांव बाड़ी में सैंपल लेने के लिए गई और गांव के लोगों के सैंपल लिए। बाड़ी गांव में पहले एक कोरोना का मामला आने के बाद इस गांव के लोगों के सैंपल लिए गए।
इनमें एक परिवार से मदनलाल, उनकी पत्नी और बेटे के भी सैंपल लिए गए। सैंपल लेने के बाद मदनलाल के फोन पर स्वास्थ्य विभाग ने संदेश भेजा, जिसमें मदनलाल के पिता प्रभुराम के सैंपल लेने की बात कही गई।
मैसेज देखकर परिवार के लोग हैरत में पड़ गए, क्योंकि मदनलाल के पिता प्रभुराम का देहांत हुए 36 साल हो चुके हैं। मदनलाल ने बताया कि शुक्रवार को उसके बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं परिवार के सैंपल लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उनके मृतक पिता के सैंपल लेने का भी मैसेज उन्हें भेज दिया। इसमें उन्हें आइसोलेट होने की बात कही गई थी। मदनलाल ने स्वास्थ्य विभाग की इस गैरजिम्मेदाराना कार्यप्रणाली पर रोष जताया है।