कानपुर। कानपुर से एक अनोखी प्रेम कहानी सामने आई है, जिसमें एक लड़की अपने ‘वॉट्सऐप प्रेमी’ से शादी करने के लिए 300 किलोमीटर का सफर करके अकेले ही उसके घर जा पहुंची। लेकिन जब उसका ‘वॉट्सऐप प्रेमी’ नाबालिग निकला तो जैसे उसके सपने ही चकनाचूर हो गए। लेकिन मामले में नया मोड़ तब आया, जब लड़की ने अपने ‘वॉट्सऐप प्रेमी’ को छोडकर उसके बड़े भाई से ही शादी करने की जिद पकड़ ली। खास बात ये है कि एलएलबी कर रही ये प्रेमिका अल्पसंख्यक समुदाय की है जबकि उसका प्रेमी हिंदू समुदाय से।
शाहजहांपुर की रहने वाली सबीना के पिता अतीक इंजीनियर हैं। सबीना का कहना है कि उसके पिता ने उसकी मां के मरने के बाद दूसरी शादी कर ली। साथ ही सबीना का आरोप है कि उसकी सौतेली मां उसे बहुत टॉर्चर करती है। सबीना के मुताबिक, उसकी दोस्ती कानपुर के परौली गांव निवासी अमित से वॉट्सऐेप पर हुई थी।
सबीना शाहजहांपुर से 300 किलोमीटर का सफर करके बुधवार को अपने प्रेमी अमित से शादी करने उसके कानपुर के परौली गांव स्थित घर पहुंच गई। इस सफर के दौरान उसे कई किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ा और रास्ते में लोगों की मदद से बस का टिकट भी खरीदा। लेकिन यहां जब उसे अमित के नाबालिग होने का पता चला तो उसका शादी का बुखार उतर गया। सबीना की उम्र 24 साल है और अमित उससे पांच साल छोटा है। अब सबीना अमित के घर बाहर डेरा डाल हुए है।
सबीना का कहना है कि मैं अमित से शादी के लिए आई थी। उसके घरवालों ने बताया कि अमित उम्र में मुझसे छोटा है। साथ ही उसके बड़े भाई की शादी नहीं हुई है। इसलिए मैंने उनसे कहा है कि मैं अमित के बड़े भाई से भी शादी करने को तैयार हूं, लेकिन अपने घर नहीं जाऊंगी, क्योंकि मुझे वहां खतरा है।
सबीना के मुताबिक, अब मैं अमित से नहीं तो उसके बड़े भाई से शादी करने के लिए तैयार हूं। सबीना इसके लिए हिंदू धर्म अपनाकर देवी-देवताओं की पूजा तक करने को तैयार है, लेकिन अपने घरवालों के पास जाने को तैयार नहीं है और उसने अमित के घरवालों पर फैसला छोड़ दिया है। हालांकि, सबीना का साफ कहना है कि मेरे यहां (कानपुर) आने में इन लोगों की कोई गलती नहीं है।
वहीं, अमित का कहना है मेरी सबीना से वॉट्सऐप पर दोस्ती जरूर हुई थी, लेकिन शादी करने को लेकर कोई बात नहीं हुई थी। अमित का ये भी कहना है कि सबीना ने वॉट्सऐप पर अपना नाम रिया बताया था। मेरी तो उम्र ही छोटी है। ये अपने घर चली जाए। दूसरे के घर की लड़की हमारे यहां आई है तो चिंता भी हो रही है। गांव में आने पर हमने सबीना के घरवालों को फोन किया था। लेकिन उन्होंने उसे ले जाने से इनकार कर दिया।