रायपुर. छतीसगढ़ की राजधानी रायपुर भी एक लोकसभा सीट है. यह सीट भी भाजपा के कब्जे में आ गई है. यहाँ से 7 बार महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस सांसद रहे है. और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रमेश बैस सूचना प्रसारण राज्य मंत्री रहे है. और अब सांसद चुने गए है बृजमोहन अग्रवाल. जो मौजूदा दौर में प्रदेश के स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री है. ये 8 बार विधायक चुने गये है. बृजमोहन अग्रवाल की यह जीत देश के टॉप टेन चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों में 9वे नम्बर पर है. अग्रवाल ने 5 लाख 75 हजार 285 वोटों से जीत दर्ज की है.
प्रदेश की सबसे हॉट सीट माने जाने वाली रायपुर सीट पर काबिज होना अपने आप मे एक उपलब्धि है. जो बृजमोहन अग्रवाल ने कर दिखाया है. इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व संसदीय सचिव रहे विकास उपाध्याय को चुनाव मैदान में उतारा था. विकास की लोकप्रियता रायपुर में किसी से छिपी नही. मगर कांग्रेस ने विकास की लोकप्रियता को भुनाने में कहाँ कमी की यह तो मंथन का विषय है.
बृजमोहन अग्रवाल अविभाजित मध्यप्रदेश के जमाने से विधायक रहे. बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस के 2018 के कार्यकाल से लगातार विपक्ष मे रहकर भूपेश सरकार को घेरा. सरकार के घेराबंदी की रणनीति बनाई. बृजमोहन अग्रवाल भाजपा के ऐसे नेता रहे जिन्होंने 2003 में प्रदेश की जोगी सरकार के वादाखिलाफी के विरोध में प्रदर्शन भी किया चोटिल भी हुए. और रमन सरकार में कई अहम विभागों वे 15 साल मंत्री रहे.
लोकसभा चुनाव 2024 में बृजमोहन अग्रवाल को 1050351 वोंट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय को 475066 वोंट मिले. इस सीट पर 38 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा.
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