भारत में कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है। पिछले कुछ दिनों से रोजाना आने वाले मामलों की संख्या घटकर 10 हजार से भी नीचे पहुंच गई है। हालांकि अभी भी कोरोना से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन 100 के पार दर्ज की जा रही है। कोरोना के घटते ग्राफ को देखते हुए जहां कुछ विशेषज्ञ कोविड के प्रकोप के खत्म होने का अनुमान लगा रहे हैं। वहीं कुछ वैज्ञानिक गणितीय मॉडल के आधार पर फिर से कोरोना की चौथी लहर आने की बात कह रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि विदेशों में कोरोना की चौथी और पांचवी लहरें आई हैं, ऐसे में यहां भी कोरोना की अगली लहरें कुछ देरी से लेकिन जरूर आएंगी। हालांकि इन सबके बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिक अपनी अलग राय दे रहे हैं।
आईसीएमआर, जोधपुर स्थित एनआईआईआरएनसीडी (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इम्प्लीमेंटेशन रिसर्च ऑन नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज) के निदेशक और कम्यूनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अरुण शर्मा कहते हैं कि भारत में कोरोना की तीन लहरें आ चुकी हैं। वहीं अब लोगों को कोरोना की अगली लहर के बारे में जानने की भी दिलचस्पी है। हालांकि पिछले दो सालों में कोरोना के स्वरूप में जो बदलाव देखे गए हैं और जिस प्रकार नए-नए वेरिएंट आए हैं, उस हिसाब से कोरोना को लेकर कोई भी सटीक भविष्यवाणी करना कठिन है।
डॉ. अरुण कहते हैं कि फिलहाल कोरोना का कोई नया म्यूटेशन नहीं आया है। ओमिक्रॉन के बाद कोई नया वेरिएंट अभी नहीं आया है। इसके अलावा कोरोना के प्रति इम्यूनिटी के लिए भारत में करीब 80 फीसदी लोग पूरी तरह वैक्सीनेटेड हो चुके हैं। लिहाजा जब तक कोविड का कोई नया वेरिएंट नहीं आता है तब तक किसी बड़ी लहर की संभावना नहीं दिखाई दे रही है। इसके अलावा सिर्फ इस आधार पर कहना कि विदेशों में कोरोना की चौथी और पांचवी लहर आ चुकी है तो भारत में भी देरी से सही आएगी, गलत होगा क्योंकि विदेशों में जो आखिरी लहर आई है उसकी वजह ओमिक्रोन वेरिएंट था, वहीं भारत में भी तीसरी लहर में यही वेरिएंट प्रभावी रहा है। इसी की वजह से भारत में कोरोना केस लाखों में पहुंच गए लेकिन इसके बाद कोई और वेरिएंट नहीं है तो अगली लहर की संभावना नहीं बनती।
अगर कोरोना की लहर आई भी तो नहीं होगी खतरनाक
डॉ. शर्मा कहते हैं कि कोरोना ऐसी महामारी रहा है जो नियमित अपना रूप बदलता रहा है, तो इससे पूरी तरह इनकार भी नहीं किया जा सकता कि कोरोना अब फिर से नहीं आएगा लेकिन ऐसी उम्मीद है कि अब अगर कोई लहर आएगी तो उतनी खतरनाक शायद नहीं होगी, जितनी की पहली दो लहरों में देख चुके हैं। कोरोना की तीसरी लहर में भी देखा गया कि ओमिक्रोन वेरिएंट ने लोगों को बड़ी संख्या में संक्रमित किया लेकिन इससे मृत्यु दर पर कोई खास असर नहीं हुआ। इसके अलावा गंभीर स्थिति में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी कम रही। यह वेरिएंट लोगों को सिर्फ संक्रमित कर निकल गया। इस वेरिएंट का ही असर रहा कि अगर घर में किसी एक को कोरोना हुआ और बाकी लोगों को लक्षण नहीं हैं तो उन्होंने कोविड टेस्ट नहीं कराया। इसके अलावा वे एक ही घर में भी रहे।