नई दिल्ली। टीवी न्यूज एंकर रोहित रंजन को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। शीर्ष अदालत ने संबंधित अधिकारियों को मामले में रोहित रंजन के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया है। दरअसल, रोहित रंजन के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वीडियो को कथित तौर पर भ्रामक बनाकर पेश करने के आरोप में कई मामले दर्ज हैं। जिसपर आज यानी कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। मामले की सुनवाई न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और जेके महेश्वरी ने की। वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट में रोहित रंजन का पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रोहित रंजन के खिलाफ जहां-जहां भी एफआईआर दर्ज हुई है, उसपर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को, छत्तीसगढ़ की एक पुलिस टीम उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर में एंकर को उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए पहुंची, लेकिन उन्हें नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि एंकर को मंगलवार की रात को जमानत पर रिहा कर दिया गया। रायपुर में प्राथमिकी IPC की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी, जिसमें 153A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 467 (जालसाजी), 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी) शामिल हैं। रंजन ने कथित अपराध के लिए दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करने वाली अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
वीडियो प्रसारित होने के एक दिन बाद एंकर रोहित रंजन ने गलती से राहुल गांधी के बयान को उदयपुर हत्याकांड से जोड़कर देखने के लिए माफी मांगी थी। रंजन ने उस शो की एंकरिंग की थी। जहां 1 जुलाई को राहुल गांधी का एक भ्रामक वीडियो प्रसारित किया गया था। जिसमें वायनाड में उनके कार्यालय पर एसएफआई हमले पर उनकी टिप्पणियों को उदयपुर में एक दर्जी की हत्या से जोड़ा गया था।