नई दिल्ली. जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देशों में अभी भी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। पड़ोसी चीन में कोरोना से भारी तबाही मची है। इन सबके बीच भारत में विदेश से आने वाले यात्रियों में कोरोना के एक, दो नहीं बल्कि 11 वैरिएंट मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, 24 दिसंबर से 3 जनवरी तक एयरपोर्ट और समुद्र के रास्ते भारत आए यात्रियो की कोरोना टेस्टिंग की गई थी। इनमें पॉजिटिव मिले यात्रियों में 11 वैरिएंट मिले हैं।
समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 24 दिसंबर से 3 जनवरी तक विदेश से आए 19,227 यात्रियों की टेस्टिंग की गई। इनमें से 124 कोरोना संक्रमित पाए गए। संक्रमित लोगों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई, तो इनमें 11 कोरोना वैरिएंट की पुष्टि हुई है। ये सभी ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट हैं। हालांकि, इनमें से कोई भी वैरिएंट नया नहीं है। ये पहले भी भारत में मिल चुके है।
भारत में क्या है कोरोना की स्थिति?
भारत में कोरोना के पिछले 24 घंटे में 188 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 201 मरीज ठीक हुए हैं। ऐसे में एक्टिव केस घटकर अब 2,554 रह गए हैं। रिकवरी रेट 98.8%. वहीं, डेली पॉजिटिविटी रेट सिर्फ 0.10% है। पिछले 24 घंटे में देश में 1,93,051 टेस्ट किए गए हैं। जबकि इस दौरान वैक्सीन की 61,828 डोज पिछले 24 घंटे में लगाई गई हैं। अब तक देश में कोरोना वैक्सीन की 220.12 करोड़ डोज लग चुकी हैं। इनमें 95.13 करोड़ सेकेंड, 22.42 करोड़ बूस्टर डोज हैं।
दुनिया में कहां कितने केस?
दुनियाभर में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3.88 लाख केस मिले हैं। जबकि 1517 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। सबसे ज्यादा केस जापान में 1.04 लाख मिले हैं। जबकि दक्षिण कोरिया में 78 हजार, अमेरिका में 39 हजार, जर्मनी में 28 हजार और ब्राजील में 30 हजार केस मिले हैं। वहीं, मौतों की बात करें तो अमेरिका में सबसे ज्यादा 346, फ्रांस में 123, जर्मनी में 235, ब्राजील में 207, जापान में 58162, दक्षिण कोरिया में 54 लोगों की मौत हुई है।
चीन में तबाही मचा रहे ये वैरिएंट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को कहा कि चीन की ओर से जारी किए गए डाटा से पता चलता है कि ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट्स BA.5.2 और BF.7 से ही लोग संक्रमित हो रहे हैं। ये वेरिएंट 97.5 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि डेटा चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र द्वारा 2000 से ज्यादा जीनोम सीक्वेंसिंट के विश्लेषण पर आधारित था।