फटाफट डेस्क. सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही गुरुवार से खरमास समाप्त हो जाएगा. इसके साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. इस बार दिल्ली में बड़ी संख्या में शादियां होनी हैं, जिसके चलते बंपर खरीदारी की उम्मीद है. बैंक्वेट हॉल, होटल से लेकर गेस्ट हाउस तक को अच्छी बुकिंग मिली है लेकिन शादियों के साये पर महंगाई का असर भी दिख रहा है. ज्वेलरी बाजार में खरीदार बेहद कम हैं.
सब्जियों व अन्य जरूरी सामानों के दाम ऊंचे होने के कारण खाने-पीने का मेन्यू भी सीमित किया जा रहा है. उधर, कपड़े से लेकर सजावट तक का खर्च बढ़ गया है. कुल मिलाकर बीते वर्ष की तुलना में शादी की खर्च 25 से 30 फीसदी तक बढ़ गया है.
आने वाले 19 तारीख तक दिल्ली में करीब साढ़े तीन लाख शादियां होनी हैं. ऑल इंडिया बैंक्वेट हॉल फेडरेशन के सदस्य भूपेंद्र सिंह बताते हैं कि दिल्ली में बैंक्वेट हॉल, फार्म हाउस, सामुदायिक भवन और होटल की संख्या 60 हजार से अधिक है. इनमें से अधिकांश में शादियों की बुकिंग है.
14, 15, 17 और 19 अप्रैल को बड़ा साया हैं, जिसमें करीब साढ़े तीन लाख शादियां होनी हैं, लेकिन महंगाई के चलते लोग बाकी खर्चों में कटौती कर रहे हैं. फूल महंगा होने से सजावट का खर्च बढ़ गया है. बैंड-बाजा और बग्गी की बुकिंग भी बीते वर्षों से महंगी हुई है.
दिल्ली होटल एसोसिएशन से जुड़े सौरभ छाबड़ा बताते हैं कि इस बार अच्छी बुकिंग मिल रही है. पूरी क्षमता के साथ शादी समारोह आयोजित करने अनुमति मिलने का लाभ भी दिख रहा है लेकिन महंगाई के देखते हुए लोग खाने-पीने का मेन्यू छोटा कर रहे हैं या फिर ऑफर में बुकिंग कराना पसंद कर रहे हैं. इसके तहत बुकिंग के साथ खाने की प्लेट का खर्च भी शामिल होता है. बैंक्वेट हाल चलाने वाली कविता राणा बताती हैं कि लोगों को शादी करानी है इसलिए बुकिंग तो अच्छी खासी मिल रही है, लेकिन लोग खर्चों को कम करने की कोशिश कर रहे हैं.
अप्रैल में शादी के बड़े मुहूर्त
14, 15, 17, 19, 20, 21, 22, 23, 27, 28, 29 अप्रैल
चांदनी चौक स्थित कूचा महाजनी के ज्वेलर ऋषि वर्मा कहते हैं कि पहली बार ऐसा देख रहे हैं कि न नवरात्र में ग्राहक थे और न अब शादी का साया शुरू होने से पहले सोने की कीमतें 53700 रुपये जा पहुंची हैं. कुछ ग्राहक आ भी रहे हैं तो वो पुरानी ज्वेलरी देकर नई बनाना चाहते हैं. बेटी की शादी में मां अपनी पुरानी ज्वेलरी देकर नई डिजाइन की ज्वेलरी बनवा रही है. इसमें सिर्फ बनाने का खर्च जाता है. नई ज्वेलरी खरीदने वाले ग्राहक बेहद कम हैं.
पेट्रोल-डीजल और सीएनजी महंगी होने का असर कपड़े की कीमतों पर दिख रहा है. सरोजिनी नगर मिनी मार्केट ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा का कहना है कि हाल-फिलहाल में ही कपड़े के दाम 10 फीसदी तक बढ़े हैं, क्योंकि फैक्टरी से दुकान तक माल ढुलाई महंगी हो गई है. ग्राहक कहते हैं कि कुछ दिन पहले तो दाम कुछ ओर थे, अब आप ज्यादा लगा रहे हैं. तब उन्हें समझाना पड़ता है कि माल ढुलाई बढ़ने से कीमतें बढ़ गई हैं.