राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के साथ बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। सरकार ने आज संसद के पटल पर 6 अध्यादेश रखे, हालांकि राष्ट्रपति के अभिभाषण के तुरंत बाद संसद स्थगित हो गई। दो चरणों में चलने वाला बजट सत्र का पहला चरण 20 मार्च तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 20 अप्रैल से शुरू होकर 8 मई तक चलेगा। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से सत्र के दौरान सहयोग की अपील की। वहीं अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून में इससे प्रभावित लोगों और किसानों के हितों की पूरी रक्षा की जाएगी। मुआवजे देने की प्रक्रिया साफ और स्पष्ट होगी। जमीन का इस्तेमाल पब्लिक प्रोजेक्ट और सामाजिक कार्यों के लिए होगा।
राष्ट्रपति ने बजट सत्र के अभिभाषण में मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार के वादे और दावे बहुत बढ़े हैं, सरकार ग्रोथ और इकोनॉमी के लिए जो भी कदम उठा रही है उससे भारत का उज्जवल भविष्य साफ दिख रहा है।
संसद का बजट सत्र में कई बिलों को पास कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश, इंश्योरेंस अध्यादेश समेत 6 महत्वपूर्ण बिलों को संसद से पारित कराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, विपक्ष अध्यादेशों की जगह विधेयकों को पारित कराने के खिलाफ है। वहीं पूरा विपक्ष जमीन अधिग्रहण के विरोध में है। इसके अलावा लेफ्ट पार्टियां और तृणमूल कांग्रेस बीमा संशोधन विधेयक के खिलाफ हैं।
इस बीच, सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि सरकार ने जमीन अधिग्रहण अध्यादेश में बदलाव के संकेत दिए हैं। ऐसे में बदलाव के बाद विपक्ष जमीन अधिग्रहण कानून का समर्थन कर सकता है। वहीं संसद के बजट सत्र में 6 अध्यादेशों को कानून बनाने के लिए विधेयक पेश होगा। इंश्योरेंस अध्यादेश को कानून बनाने के लिए विधेयक होगा। साथ ही माइनिंग अध्यादेश को कानून बनाने के लिए विधेयक पेश होगा।
बजट सत्र में सरकार जीएसटी का रोडमैप पेश कर सकती है। बता दें कि पहले से लोकसभा में 3 और राज्यसभा में 7 विधेयक लंबित हैं। इसके अलावा बजट सत्र के दौरान 10 नए विधेयर भी पेश किए जाएंगे।