रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन कराने में प्रदेश सरकार और प्रशासन की नाकामी के लिए शासन-प्रशासन के दोहरे मापदंडों को बड़ी वजह बताया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण के नाम पर छोटे-मोटे धार्मिक प्रसंगों में लोगों की संख्या तय करके पाबंदियां लाद रही है, वहीं दूसरी तरफ नया रायपुर स्थित शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में चल रहे रोड सेफ्टी टी-20 वर्ल्ड कप क्रिकेट मैच के अलावा राजधानी समेत प्रदेशभर में हो रहे बड़े-बड़े सरकारी-गैर सरकारी आयोजनों में इसी गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं और प्रदेश सरकार व प्रशासनिक मशीनरी हाथ-पर-हाथ धरे बैठी है। कांग्रेस सरकार गरीब जनता को उनके हाल पर छोड़कर असम चुनाव में मशगुल है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना के नाम पर सेस लगाकर जनता से 600 करोड़ रूपये वसूल किया है पर इन पैसो का कोरोना के रोकथाम, ईलाज व हाॅस्पिटल के इन्फ्रास्क्रचर ठीक करने खर्च नही किया जा रहा है।
भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि लगातार ध्यान दिलाने और राजिम पुन्नी मेले व क्रिकेट स्टेडियम से लौटे दर्शकों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बावजूद कोरोना गाइडलाइन के खुलेआम उल्लंघन को लेकर खामोशी ओढ़े बैठी है। हालात ये हैं कि जिला प्रशासन की चेतावनी का भी कोई असर नजर नहीं आ रहा है और अब तो क्रिकेट मैच की वजह से कोरोना संक्रमण फैलने की पुष्टि ने प्रदेश सरकार की निकम्मी कार्यप्रणाली और महामारी को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओछी सियासत को एक बार फिर बेनकाब किया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर प्रदेश सरकार का नाकारापन पिछले सालभर से प्रदेश भुगत रहा है और दुर्भाग्य से प्रदेश सरकार एक बार फिर अपने सत्तावादी घमंड में चूर होकर विशेषज्ञों की उस चेतावनी को अनसुना करने में लगी है कि यह क्रिकेट मैच और ऐसे दीगर तमाम बड़े आयोजन कोरोना संक्रमण का बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि क्रिकेट मैच और दीगर आयोजनों में न तो सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान दिया जा रहा है, और न ही सेनिटाइजेशन और मास्क पहनने पर जोर दिया जा रहा है। और तो और, क्रिकेट स्टेडियम में दर्शकों के लिए पीएमजी को थर्मल स्क्रीनिंग का आदेश होने के बावजूद आयोजक इसके प्रति आपराधिक स्तर की उदासीनता का परिचय दे रहे हैं।
भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि पिछले वर्ष जब प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दस्तक हुई थी, तब से प्रदेश सरकार अपने सत्तावादी अहंकार और राजनीतिक नौटंकियों में मशगूल रही है जिससे आज भी वह उबरने को तैयार नहीं दिख रही है, जबकि प्रदेश सरकार के इसी बड़बोले रवैए के चलते प्रदेश में पिछले सालभर में लाखों लोग कोरोना संक्रमण के शिकार हुए और हजारों लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा।
श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश की इस कांग्रेस सरकार को जनस्वास्थ्य की जरा भी परवाह नहीं है। लोगों की सुरक्षा के प्रति संजीदगी के जिस सुलझे दृष्टिकोण का परिचय एक सरकार को देना चाहिए, अगर वह नजरिया प्रदेश सरकार के पास होता तो वह ऐसे आयोजनों को लेकर सख्त होती, जैसा गुजरात की राज्य सरकार ने लोगों की सेहत की चिंता करके दिखाया और गुजरात के मोटेरा स्टेडियम में बिना दर्शकों के क्रिकेट मैच का आयोजन पहले भी रखा और अब भी आगामी मैच इसी तर्ज पर वहां होंगे।
श्री अग्रवाल ने कहा कि उम्मीद तो यही की जाती है कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने राजनीतिक ओछेपन को दरकिनार कर गुजरात की तरह यहाँ भी शेष सारे मैच बिना दर्शकों के संपन्न कराए, लेकिन जो सरकार और उस सरकार के स्वास्थ्य मंत्री कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण को लेकर भी अपने दुराग्रही राजनीतिक चरित्र से बाज नहीं आए, ऐसे हठवादी सत्ताधीशों से प्रदेश के जनस्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील होने की उम्मीद बेमानी ही है।