Deputy CM TS Singhdev’s statement on regularization…सीएम भूपेश ने कर्मचारियों और प्रदेश के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं। संविदाकर्मियों और नियमित कर्मचारियों के DA और वेतनवृद्धि का ऐलान किया गया हैं। इसी बीच डिप्टी CM टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान सामने आया हैं। उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, नियमितिकरण नहीं कर सकते हैं। लेकिन, उनका ख्याल रखा गया हैं। वहीं संविदाकर्मी 27 वेतनवृद्धि पर नाखुश नजर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ का कहना हैं कि, वेतन में 27 प्रतिशत की वृद्धि की गई हैं। जबकि, वास्तव में 48 प्रतिशत होना था। शासन द्वारा उक्त घोषणा “नियमित वेतनमान के समकक्ष निर्धारित संविदा वेतन पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों को देने की बात कही गई हैं”।
उन्होंने आगे कहा कि, अनुपूरक बजट के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2000 करोड़ रुपए की महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। लगभग 5 लाख शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई हैं। 4 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होने से 800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। 37000 संविदा कर्मियों के वेतन में 27 प्रतिशत वृद्धि की गई हैं। इससे 350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। दैनिक वेतन भोगी के वेतन में 4000 रुपए मासिक वृद्धि की गई हैं। इससे 240 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
इतना ही नहीं आगे टीएस सिंहदेव ने कहा कि, 1650 अतिथि शिक्षकों के वेतन में 2 हजार रुपए मासिक की बढ़ोत्तरी हुई हैं। इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। 6000 पटवारियों को 500 रुपए मासिक संसाधन भत्ता दिया जाएगा। इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने शासन से अपील की हैं कि, वह आंदोलनरत संविदा कर्मचारियों से संवाद स्थापित कर वास्तविक मांगों का वास्तविक समाधान करने का प्रयास करें, जिससे छत्तीसगढ़ शासन का जनघोषणा पत्र में किया गया वादा पूरा होता दिखाई पड़े। वर्ष 2018 के जनघोषणा पत्र में सरकार के द्वारा संविदा कर्मियों के नियमितीकरण व छंटनी नहीं किये जाने का वादा किया गया था। जो कि आज पर्यन्त तक पूरा नहीं किया गया हैं।
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