पीलीभीत से भाजपा का टिकट कटने के बाद वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के नाम एक भावुक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि एक सांसद के तौर पर उनका कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा है, लेकिन पीलीभीत की जनता से उनका संबंध अंतिम सांस तक बना रहेगा। उन्होंने सेवा का अवसर देने के लिए पीलीभीत की जनता का धन्यवाद भी किया है।
वरुण गांधी ने पीलीभीत से अपना पुराना संबंध याद करते हुए लिखा है कि वे पहली बार पीलीभीत तब आए थे, जब उनकी उम्र केवल तीन साल की थी। तब उन्हें यह नहीं पता था कि उनका यह संबंध कितना मजबूत और लंबा होने जा रहा है, लेकिन तब से पीलीभीत की जनता से उनका संबंध बना और आज तक यह बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आगे भी उनका यह संबंध बना रहेगा।
पत्र–
पीलीभीत से टिकट कटने के बाद जनता के नाम पत्र लिखते हुए उन्होंने जनता की सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि वे जनता के लिए अपनी आवाज उठाते रहेंगे, चाहे इसका कोई भी परिणाम भुगतना पड़े।
चर्चा यहां तक की जा रही थी कि यदि भाजपा ने वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया, तो वे समाजवादी पार्टी या तृणमूल कांग्रेस जैसे किसी दल से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। वरुण गांधी ने चुनाव नामांकन दाखिल करने के लिए पत्र भी खरीद लिए थे जिससे इस बात की चर्चा तेज हो गई थी। लेकिन फिलहाल उन्होंने इस तरह की अटकलों को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा है कि अब वे अपनी मां मेनका गांधी के चुनाव क्षेत्र सुल्तानपुर में भाजपा के लिए प्रचार करेंगे।
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