पटना। राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के एनडीए के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी से टेलिफोन पर हुई 12 मिनट की बातचीत ने बिहार की सियासत में काफी हलचल मचा दी है। 243 सीटों वाली विधानसभा में 127 विधायकों के समर्थन के बूते अल्प बहुमत से सरकार चला रही नीतीश सरकार के लिए यह खतरे का संकेत माना जा रहा है। अंदरखाने की खबर यह भी है कि जीतन राम मांझी को लालू प्रसाद ने बहुत बड़ा ऑफर दे दिया है। दूसरी ओर खबर यह भी है कि लालू प्रसाद यादव ने एनडीए के एक अन्य सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी से भी टेलिफोनिक बात की है।
हालांकि सहनी ने एनडीए में टूट की खबरों से इनकार किया है, लेकिन इन चर्चाओं में थोड़ी भी सच्चाई है तो मांझी के चार और सहनी के चार विधायक मिलकर एनडीए सरकार के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। इस बीच भाजपा के सांसद सुशील कुमार मोदी के एनडीए में बिखराव की खबर का खंडन करने के बाद बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के भी कई विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं। खास कर उनका इशारा कांग्रेस के विधायकों की ओर था।
भाजपा नेता ने कही बड़ी बात
अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस के कई विधायक हम लोगों के सम्पर्क में हैं। हम जब चाहें उन्हें तोड़ लें, लेकिन हम दल बदल में भरोसा नहीं करते हैं। लेकिन, अगर अच्छे लोग आना चाहें तो हम उनका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि NDA पूरी तरह एकजुट है। महागठबंधन अपनी टूट को बचाने के लिए NDA में टूट की बात कहकर सिर्फ हवा बना रहा है। अपना गठबंधन ही अगर बचा कर महागठबंधन रख पाए तो बड़ी बात होगी।
लालू-मांझी की बात से बढ़ी हलचल
बता दें कि हम प्रमुख जीतन राम मांझी से 11 जून को तेज प्रताप यादव ने उनके आवास पर मुलाकात की थी। तेजप्रताप ने बीते शुक्रवार को न सिर्फ मांझी से मुलाकात की बल्कि फोन पर अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव से उनकी बात भी कराई। इस मुलाकात और बातचीत के बारे में मांझी ने कहा था कि ये बिल्कुल गैर राजनीतिक और विशुद्ध पारिवारिक मामला है। राजनीति में मतभेद तो होता है, लेकिन मनभेद नहीं होता। लालू यादव के परिवार से उनके व्यक्तिगत और पारिवारिक संबंध हैं।
सहनी बोले- पर्दे में रहने दें
खबर यह भी है कि इसी तरह मुकेश सहनी ने भी शुक्रवार को आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से फोन पर बात की है। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो एक चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि इसे पर्दे में ही रहने दीजिए। बांका की घटना पर उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। जांच एजेंसी पहले घटना की जांच कर ले फिर हमें उसपर प्रतिक्रिया देनी चाहिए। उन्होंने सीएम नीतीश को भी विधायकों को ऐच्छिक कोष से खर्च करने की अनुमति मांगी है। ऐसे में समझा जा रहा है कि भले ही ऊपर-ऊपर सब ठीक लग रहा है लेकिन बिहार की सियासत में अंदर ही अंदर बड़ी हलचल है।