फ़टाफ़ट डेस्क। मेघालय के सभी पांच कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (एमडीए) में शामिल होने का फैसला किया। मेघालय में विपक्षी कांग्रेस को 2023 के महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले ये बड़ा झटका माना जा रहा है। बता दें कि राज्य में एमडीए गठबंधन की सरकार है।
एमडीए में आए कांग्रेस के पांच विधायकों में सीएलपी नेता अंपारीन लिंगदोह, मायरलबोर्न सिएम, मोहेंड्रो रापसांग, किम्फा मारबानियांग और पीटी सॉकमी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पांचों विधायकों ने बैठक की थी और उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को एक हस्ताक्षरित पत्र सौंपा।
बता दें कि मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस राजनीतिक दलों का एक गठबंधन है जिसने 2003 के विधानसभा चुनाव के बाद मेघालय राज्य में सरकार बनाई थी। इसका नेतृत्व तब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने किया था।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका है। 2018 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस 21 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन अपनी सरकार नहीं बना सकी। बीजेपी के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस की सहयोगी एनपीपी ने एमडीए बनाया और कांग्रेस से सत्ता छीन ली।
मेघालय कांग्रेस का गढ़ रहा है और मुकुल संगमा ने 2010 और 2018 के बीच सीएम के रूप में कार्य किया। लेकिन कांग्रेस के भीतर परेशानी पिछले साल अगस्त में और बढ़ गई जब शिलांग के सांसद विसेंट पाला को मुकुल संगमा को दरकिनार करते हुए मेघालय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। टीएमसी अब 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल है।
इससे पहले नवंबर, 2021 में, पूर्व सीएम डॉ मुकुल संगमा के अलावा 11 अन्य कांग्रेस विधायकों के औपचारिक रूप से अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ विलय की घोषणा के बाद मेघालय में कांग्रेस पार्टी का पतन हो गया था। संगमा के इस कदम से कांग्रेस के पास सिर्फ पांच विधायक रह गए थे। बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने 2018 के चुनावों में 19 सीटें जीती थीं, लेकिन उप-चुनावों में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी से दो सीटें हार गई थी। जिसके बाद 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास केवल 17 सीटें बची थीं जिनमें से भी 12 टीएमसी में चले गए थे।