मोदी कैबिनेट के 1 वर्ष पूरा होने के बाद कई बड़े फैसले.. रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा कर्ज.. किसानों के लिए भी कई ऐलान..

नई दिल्ली. सोमवार 1 जून को पहली बार पूरे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, नितिन गड़करी और नरेंद्र सिंह तोमर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने लॉकडाउन के बाद देश को फिर से पटरी पर लाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए कई तरह फैसले लिए गए. उन्होंने बताया कि एमएसएमई की परिभाषा को और संशोधित किया गया है. एमएमएमई को प्रोत्साहित करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं. इससे 2 लाख एमएसएमई को लाभ पहुंचेगा. 50 करोड़ तक निवेश वाली इकाई एमएसएमई के तहत आएगी. 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली इकाई भी एमएसएमई के अंतर्गत आएगी. एमएसएमई के निर्यात का टर्नओवर इसमें नहीं जोड़ा जाएगा. इससे नए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. सरकार ने 4000 करोड़ रुपये के डिस्ट्रेस फंड को मंजूरी दी. बंद हुई एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का फंड बनाने का फैसला लिया गया है. 48 फीसदी निर्यात एमएसएमई की ओर से होता है.

किसे होगा फायदा?


रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार का कर्ज मिलेगा. रेहड़ी पटरी वालों के लिए केंद्र सरकार ने पीएम स्व नीति (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि) का गठन किया है. जिसके तहत फुटपाथ विक्रेताओं समेत रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार रुपये तक कर्ज दिया जाएगा.

किसानों के लिए भी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से जुड़े फैसलों के बारे में जानकारी दी. 14 फसलों पर किसानों को लागत से 50 से 83 फीसदी ज्यादा कीमत मिलेगी. धान ज्वार के लिए लागत से 50 फीसदी से ज्यादा दाम मिलेगा.किसानों के अलावा खेती से जुड़ी अन्य गतविधियों को भी वित्तीय मदद दी है. 80 लाख टन से ज्यादा अनाज लोगों तक पहुंचाया गया.

सरकार ने हर मामले पर संवदेनशीलता से काम किया और इसी वजह से समय पर किसानों ने फसल की कटाई का काम किया.इसी वजह से किसानों ने देश को बंपर फसल पैदा कर के दी. कर्ज भुगतान की तिथि बढ़ाई गई है. खेती से जुड़े काम के लिए 3 लाख तक के अल्पकालिक कर्ज के भुगतान की तिथि 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई है. किसानों को ब्याज में छूट देने का भी प्रावधान किया जा रहा है. समय से कर्ज चुकाने पर किसानों को 4 फीसदी दर पर ऋृण मिलेगा. पिछली बार किसानों को 28 हजार करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी गई. जल्द ही बचे हुए करीब ढाई करोड़ किसानों को केसीसी योजना के तहत लाया जाएगा.

रोजगार हो रहा है शुरू..

नितिन गड़करी ने कहा औसतन 10 से 20 फीसदी लोग बाहर से आकर दूसरे राज्यों में काम करते हैं. इनमें से भी सभी वापस चले गए, यह बात गलत है. ट्रेन शुरू होने के बाद अब ये वापस आना भी शुरू हो गए हैं. कई बड़े उद्योगों ने मजदूरों के रहने और खाने की भी व्यवस्था की है.