सौम्या बीकॉम फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट है। कॉमर्स में इसलिए दाखिला लिया ताकि चार्टर्ड अकाउंटेंसी या फाइनेंस में करियर बना सके। पैरेंट्स भी चाहते हैं कि बेटी परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाए। उसके पिता, भाई, अंकल सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। मगर सौम्या पढ़ाई के साथ-साथ कंटेम्पररी डांस भी सीख रही है, ताकि मौका मिलने पर बतौर डांसर अपनी पहचान बना सके।
आज भारतीय टेलीविजन पर डांस रिएलिटी शोज ने जिस तरह डांसर्स को एक बड़ा मंच दिया है, उसे देखते हुए डांस का पैशन रखने वाले बहुतेरे युवा अब इसे फुलटाइम करियर के रूप में देखने लगे हैं। अगर आप में टैलेंट है, तो डांसिंग में अवसरों की कमी नहीं है। जरूरत सिर्फ कदम बढ़ाने की है।
कैसे बनें डांसर?
कहते हैं कि डांसर वही बनते हैं, जिनमें यह कुदरती गुण यानी इनबॉर्न टैलेंट होता है। गुरु या ट्रेनर, उनका सिर्फ मार्गदर्शन करता है। लेकिन डांसर बनने के लिए ट्रेनिंग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आप जितनी जल्दी या कम उम्र में इसका प्रशिक्षण लेना शुरू करेंगे, उतना ही अच्छा होगा।
डांस का शौक रखने वाले कई लोग तो बचपन से ही ट्रेनिंग लेना शुरू कर देते हैं। डांसिंग में आप एक साल का सर्टिफिकेट, तीन साल का डिग्री या फिर डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं।
तरह-तरह की डांसिंग
वैसे तो भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहे हैं डांस। शादी से लेकर खेल, फिल्म आदि से जुड़े तमाम समारोह डांस के बगैर अधूरे -से प्रतीत होते हैं। भारत के किसी भी कोने में झांक लें, हर इलाके या प्रांत का अपना लोक नृत्य है। इसके अलावा, शास्त्रीय नृत्य की अपनी गरिमा और स्थान तथा कई सदियों का इतिहास है।
इसके साथ ही आज भारत में मॉडर्न और वेस्टर्न डांस फॉर्म्स का भी खूब क्रेज देखा जा रहा है। चा चा चा, हिप हॉप, सालसा, टैंगो से लेकर बॉल रूम डांसिंग युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप कौन-से डांस फॉर्म में खुद को निपुण बनाना चाहते हैं।
जरूरी क्वॉलिटीज
डांसिंग एक क्रिएटिव प्रोफेशन है। चाहे क्लासिकल डांस हो या मॉडर्न, बुनियादी तकनीकों पर अमल करते हुए अगर आप अपने इनोवेशन से इसमें कुछ नया जोड़ते हैं, तो वह आपकी पहचान बन सकता है। इसके लिए बहुमुखी प्रतिभा होना चाहिए। लय-ताल की समझ के साथ मंच पर परफॉर्म करते समय चेहरे पर संपूर्ण भाव होना आवश्यक है। इसके अलावा, डांसिंग के लिए काफी ऊर्जा की दरकार होती है, जो फिजिकली फिट रहने से ही आती है।
डांसिंग में ऑप्शन
डांस सीखने के बाद करियर के रूप में मुख्यत: तीन तरह के ऑप्शन होते हैं: पहला कोरियोग्राफर, दूसरा शिक्षक या ट्रेनर और तीसरा परफॉर्मर के रूप में। कोरियोग्राफर बनने के लिए आपके पास डांस संयोजन यानी डांसरों के समूह को निर्देशित करने की कला होनी चाहिए।
वहीं इंस्ट्रक्टर बनने के लिए डांस के हर आयाम की जानकारी के साथ-साथ धैर्य होना जरूरी है, जबकि परफॉर्मर के तौर पर खुद को स्थापित करने के लिए आकर्षक बाहरी आवरण के साथ-साथ स्टेज पर परफॉर्म करने का कॉन्फिडेंस होना चाहिए।
स्कोप और ग्रोथ
एक कोरियोग्राफर फिल्म, टेलीविजन, स्टेज, वीडियो, म्यूजिक से लेकर रिएलिटी शोज में काम कर पैसा और शोहरत कमा सकता है। इसी तरह डांस इंस्ट्रक्टर स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी या डांस इंस्टीट्यूट से करियर शुरू कर सकता है। परफॉर्मर चाहे, तो अपना ग्रूप बनाकर या कोचिंग क्लास से अच्छी कमाई कर सकता है। इसके अलावा, विभिन्न अकादमियों, कला केंद्रों, दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो और शैक्षणिक संस्थानों में डांसर्स की नियुक्ति की जाती है।
वहीं, मूवी और टीवी स्टूडियो के साथ जुड़कर भी आगाज किया जा सकता है। इन दिनों कई कॉर्पोरेट हाउसेज और बड़े प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस डांसर्स के प्रोग्राम्स को स्पॉन्सर और प्रमोट करने लगे हैं, जिससे डासिंग एक आकर्षक करियर बनता जा रहा है।
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