अम्बिकापुर – प्रदेश के लोक निर्माण, संस्कृति एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज यहां संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में सरगवां स्थित नवनिर्मित जिला पुरातत्व संग्रहालय भवन का फीता काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज, कलेक्टर श्री आर. प्रसन्ना एवं पुरातत्व विद् उपस्थित थे।
इस अवसर पर संस्कृति मंत्री ने कहा कि आज का दिन संभाग के लिए ऐतिहासिक तथा गौरव का दिन है। जिले में पुरातात्विक संपदा प्रचुर मात्रा में विद्यमान है। रामगढ़ की पहाडि़यों में विश्व की पहली नाट्यशाला स्थित है। महेशपुर में खुदाई प्रारम्भ है, जिससे भूगर्भ में छिपे अनेक प्रागैतिहासिक काल की मूर्तियां प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान को गौरवशाली इतिहास की जानकारी रखनी चाहिए। सभी प्राचीन मूर्तियां एवं अवशेष नई पीढ़ी को रास्ता दिखाएगी एवं उनके मन में इतिहास के प्रति गर्व की भावना पैदा करेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नवनिर्मित 6 संग्रहालयों में से सबसे भव्य एवं विशाल संग्रहालय अम्बिकापुर में बनाया गया है। यह इस क्षेत्र की पुरातत्ववेत्ताओं के लिए बड़ी उपलब्धि है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि खुदाई से प्राप्त मूर्तियों को घरों में न लगाकर संग्रहालय में रखें, ताकि प्राकृतिक एवं प्राचीन मूर्तियों का महत्व आमजन समझ सके एवं उसके प्रति जिज्ञासु बन सके। नई पीढ़ी के युवा भी इनके महत्व को समझे और गौरान्वित महसूस करें। उन्होंने बताया कि इस संभाग में धार्मिक, जनजाति एवं संस्कृति से संबंधित अवशेष पाए गए हैं। इस क्षेत्र में आदिमानवों की संस्कृति का अवशेष भी प्राप्त हुआ है, जो लगभग 5 से10 लाख वर्ष पुराने हैं। साथ ही अनेक खुदाई में रेण नदी के तटवर्ती क्षेत्र में पाषाण उपकरण एवं शैल चित्र पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय के माध्यम से ऐसे अनमोल धरोहरों को संरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए शासन की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
पुरातत्ववेत्ता डाँ. सेवाकांत वाजपेयी ने बताया कि इस संग्रहालय में प्रागैतिहासिक कालीन प्राचीन सिक्के एवं पाषाण के औजार संग्रहित हैं। लगभग100 प्राचीन मंदिरों एवं खुदाई से प्राप्त स्थलांे का छायाचित्र एवं शैल्य चित्र लगया गया है तथा सातवीं सदी से लेकर वर्तमान सदी तक प्राप्त अनेक मूल्यवान धरोहर संग्रहित हैं, जिनमें सूर्य, लकुलिस, कलश, भग्न प्रतिमा, प्रसत्तर अभिलेख, गौरी, कार्तिकेय, शिव नीलकंठ आदि मूर्तियां शामिल हैं।
विशाल एवं भव्य संग्रहालय
जिला पुरातत्व संग्रहालय का नवनिर्मित भवन लगभग 1 करोड़ 92 लाख की लागत से छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा बनाया गया है। इस भवन में आठ बड़े कक्ष, ग्रंथालय, भण्डार कक्ष एवं आडिटोरियम की व्यवस्था है। यह भवन 1.2 हेक्टयर भूमि में 2942 वर्गमीटर क्षेत्र में निर्मित है। यह प्रदेश के नवनिर्मित संग्रहालयों में सबसे विशाल एवं भव्य संग्रहालय है। संग्रहालय प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक दर्शकों के अवलोकन भ्रमण के लिए खुला रहेगा। सोमवार एवं अन्य शासकीय अवकाश के दिनों में संग्रहालय बंद रहेगा। संग्रहालय में अवलोकन एवं भ्रमण निःशुल्क है।
इस अवसर पर पुरातत्वविद श्री जी.एल. रायकवार, डाॅ. के.पी. वर्मा, श्री कमलकांत शुक्ला, शाखा प्रभारी श्री अनुप किण्डो, श्री जवाहर यादव, जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.पी. बड़गोत्या, अनुविभागीय अधिकारी श्री एन.एस भगत सहायक परियोजना अधिकारी श्री राजेश सिंह, तहसीलदार श्री पुष्पेन्द्र शर्मा सहित बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।