नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिवसीय नेपाल यात्रा पर हैं। मोदी के लिए यह यात्रा कई मायनों में खास है। 17 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद यह भारत के किसी पीएम का नेपाल यात्रा है, दूसरी ओर मोदी नेपाली संसद को संबोधित करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे.
इन सभी बतों से अलग मोदी एक ऐसे क्षण का गवाह बनने जा रहे हैं, जिसका मोदी को वर्षों से इंतजार था। दरअसल कम लोगों को पता है कि मोदी का एक धर्मपुत्र भी है, वो भी आज से नहीं बल्कि 16 साल से। नरेन्द्र मोदी ने जिस बच्चे को 16 वर्षों से अपने पुत्र की तरह पाल-पोस का बड़ा किया,पढ़ाया लिखाया, उस 26 साल के नवजवान को वह अपनी मां से मिलाने वाले हैं।
दरअसल आज से ठीक 16 वर्षों पहले जीत बहादुर नाम का बालक काम की तलाश में नेपाल से भारत आया और खो गया था। एक महिला ने उस बच्चे को मोदी को सौंप दिया था। मोदी ने भी उस बच्चे को अपने पुत्र की तरह पाल-पोस कर बड़ा किया और आज उसे अपने साथ नेपाल यात्रा पर ले जाकर उसकी मां से मिलाने वाले हैं.
इस बात का खुलासा मोदी ने ट्वीट के माध्यम से किया है। मोदी ने कहा कि ‘नेपाल की इस यात्रा से मेरी कुछ व्यक्तिगत भावनायें भी जुड़ी हुई हैं, बहुत वर्ष पहले एक छोटा सा बालक जीत बहादुर, असहाय अवस्था में मुझे मिला। उसे कुछ पता नहीं था, कहाँ जाना है ? क्या करना है ? और वो किसी को जानता भी नहीं था। भाषा भी ठीक से नहीं समझता था, ईश्वर की प्रेरणा से मैंने उसके जीवन के बारे में चिंता शुरू की, धीरे-धीरे उसकी पढ़ाई में, खेलने में रूचि बढ़ने लगी, वो गुजराती भाषा जानने लगा। कुछ समय पहले मैं उसके माँ-पिताजी को भी खोजने में सफल हो गया। यह भी रोचक था। यह इसलिए सम्भव हो पाया क्योंकि उसके पांव में छ: उंगलियां हैं, मुझे ख़ुशी है की कल मैं स्वयं उन्हें उनका बेटा सौंप सकूंगा”
1998 में काम की तलाश में भारत आया था जीत बहादुर
नरेंद्र मोदी जिस बच्चे को नेपाल में उसकी मां से मिलाने वाले हैं, वह बच्चा 1998 में भारत काम की तलाश में आया था। जीत बहादुर नाम का वह बच्चा नेपाल लौटने के क्रम में अहमदाबाद में खो गया। मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं बने थे। मोदी ने उस बच्चे को पढ़ाया-लिखाया. पीएम बनने के बाद उसे हॉस्टल में भेज दिया। मोदी से जिस समय वह बच्चा मिला था उस समय वह मात्र 10 साल का था।
बीबीए की पढ़ाई कर रहा है जीत बहादुर
मोदी का धर्मपुत्र जीत बहादुर अभी बीबीए की पढ़ाई कर रहा है, उसका इरादा एमबीए या एमबीएस करने का है, उसका परिवार नेपाल के नवलपारसी जिले में स्लम एरिया में रहता है।