नई दिल्ली
मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में शुक्रवार की हिंसा के बाद से उपजे तनाव के बाद अब भी तनाव की स्थिती बनी हुई है.. क्योकि शुक्रवार की हिंसा के बाद हो रही शांति के दौरान ही रविवार रात को प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पेट्रोल बम फेंक दिया… और फिर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले भी छोड़े… गौरतलब है कि यहां दो गुटों में हुई हिंसक झड़प के बाद से ही कर्फ़्यू लगा दिया गया था.. जिसमें रविवार को हो रही शांति को देख कर कुछ घंटो के लिए ढील दी गई थी. लेकिन पेट्रोल बम फेंके जाने की घटना से एक बार हालात फिर बेकाबू हुए और कर्फ़्यू मे दी गई ढील समाप्त कर दी गई…
कैसे उपजा तनाव
दरअसल, गुरुवार रात शिलॉन्ग की पंजाबी लाइन में रहने वाले कुछ लोगों का एक बस कंडक्टर के साथ झगड़ा हुआ, जो बाद में नस्लीय लड़ाई में बदल गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस झड़प ने तब और उग्र रूप ले लिया, जब सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई गई कि घायल सहायक की मौत हो गई. शुक्रवार देर रात बस चालकों ने इस घटना के खिलाफ एकजुटता दिखाई, तो मामला हिंसक हो गया.
भीड़ ने कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन किए. कई घरों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया. कई जगह तोड़-फोड़ भी हुई. आक्रोशित भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े… जिसके बाद शनिवार से कर्फ्यू लगा दिया गया…
हालात पर सीएम का बयान
इस मामले में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि घटना पर सरकार ने पूरी तरह नज़र रखी है… कई लोगों को हिंसा प्रभावित इलाकों से दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है. सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें आ रही हैं कि विस्थापित लोगों को भूखा रखा गया और उनकी पिटाई की गई, लेकिन इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है.’ सीएम संगमा ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें. संयम बरतें और कानून का पालन करें.