वाराणसी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने गुरुवार को लोकसभा मे तीन तलाक के लिए पेश बिल का समर्थन किया,,,, इन महिलाओ ने महिला कचहरी का आयोजन कर तीन तलाक के खिलाफ पेश बिल का समर्थन किया,,, इस दौरान उन्होंने मांग की है कि इस बिल मे सजा के प्रावधान को 3 साल नही बल्कि 7 साल का होना चाहिए,,,, इतना ही नही महिला कचहरी मे इन महिलाओ ने ये भी मांग की है कि हलाला को बलात्कार की श्रेणी रखकर मुकदमा दर्ज किया जाए और ये अपराध करने के लिए बाध्य करने वालों को रेप के दोषियों के समान ही सजा दी जाए,,,
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आलोचना करते हुए महिलाओं ने कहा बोर्ड पहले यह बताए कि जो शरियत का कानून नहीं मानेगा, उसे बोर्ड क्या और किस अधिकार से सजा देगा। बोर्ड महिला अधिकारों के खिलाफ काम कर रहा है,,, इतना ही नही इन महिलाओ का कहना था कि बोर्ड किसी मुस्लिम महिला का ठेकेदार नहीं है,,, तीन तलाश बिल के समर्थन मे आई मुस्लिम महिलाओं का ये भी आरोप है कि मुस्लिम पर्सनल लाँ बोर्ड को कुछ राजनीतिक दल का संरक्षण प्राप्त हैं जो मुस्लिम महिलाओ को सामाजिक और पारिवारिक सुरक्षा नहीं देना चाहते हैं,,, और जो भी राजनीतिक दल ऐसा कर रहे हैं, उनको भी मुस्लिम महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ेगा,,,, इस दौरान मुस्लिम महिला फाउंडेशन की जिलाध्यक्ष शबाना बानो ने कहा कि तीन तलाक के बाद अगर कोई महिला अपने पति के साथ रहना चाहती है तो उसे हलाला के अपमान की आग में जलना पड़ता है,,, ऐसे में हलाला और बहुविवाह को अपराध की श्रेणी में रखा जाए,,
फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं की सुध लेने वाला कोई नहीं है,, तीन तलाक के पक्ष में जो लोग खड़े हैं, इसका सीधा अर्थ है कि वे हलाला और बहुविवाह को कायम रखकर औरतों की जिंदगी और शरीर के साथ खिलवाड़ करना चाहते हैं,,, तीन तलाक बिल में तीन साल की सजा का प्रावधान कम है, इसे 7 साल किया जाना चाहिए,, साथ ही तलाकशुदा महिला को संपत्ति का आधा हिस्सा मिलना चाहिए,,,