दिल्ली
हिन्दुस्तान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या मामले में बुधवार को पुलिस ने शूटर रोहित समेत पांच अपराधियों को सीवान से गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि पांचों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। हालांकि अभी तक हत्याकांड के पीछे के साजिशकर्ता का पता नहीं चल सका है।
एडीजी सुनील कुमार के अनुसार शूटर रोहित कुमार (25 वर्ष) ने ही गत् 13 मई को राजदेव रंजन को गोली मारी थी। रोहित के अलावा लाइनर और लोकेशन बताने की भूमिका में रहे विजय कुमार (25), सोनू कुमार गुप्ता (18), राजेश कुमार (25) और रिशु कुमार (20 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है। एडीजी के मुताबिक इन्होंने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है।
रोहित ने कबूला है कि उसे राजदेव की हत्या करने की सुपारी मिली थी। अपराधियों के पास से हत्या में शामिल 7.65 बोर की पिस्टल, दो जिंदा कारतूस के अलावा तीन मोटर साइकिल भी बरामद हुई हैं। आशंका है कि इसी पिस्टल से राजदेव की हत्या की गई। हत्यारों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जुटाने के लिए एफएसएल की टीम को सीवान भेजा गया है। एफएसएल की टीम घटनास्थल से मिले खोखे और राजदेव के शव से मिले बुलेट से बरामद पिस्टल का मिलान करेगी। बरामद मोटरसाइकिल पर खून के छींटे होने की भी आशंका है।
हालांकि राजदेव रंजन की हत्या किसने और क्यों करवाई, यह रहस्य बना हुआ है। पुलिस इस राज से परदा उठाने के लिए कुछ अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी है। इसमें लड्डन मियां अहम साबित हो सकता है। पुलिस घटना के दिन से ही लड्डन मियां की तलाश कर रही है। वह अभी तक गिरफ्त में नहीं आया है। लड्डन मियां का आपराधिक इतिहास काफी पुराना है।
अपराध की दुनिया का खिलाड़ी है लड्डन
राजदेव रंजन की हत्या के बाद सुर्खियों में आया लड्डन मियां सीवान में अपराध की दुनिया का जाना-पहचाना नाम है। खुद गोली मारने की जगह यह शख्स शूटरों का इंतजाम करता है। घटना का तानाबाना बुनने से लेकर यह शूटरों को हर मदद मुहैया कराता है। राजदेव की हत्या के लिए इसने जिस रोहित को चुना, वह अपराध की दुनिया में नया नाम है।
उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक के कई शूटर लड्डन के संपर्क में रहते हैं। राजदेव रंजन की हत्या का राज सामने नहीं आए, इसलिए उसने नए लड़कों को हत्या की जिम्मेदारी सौंपी थी। शूटर रोहित का आपराधिक इतिहास सीवान पुलिस के पास मौजूद नहीं है। माना जा रहा है कि कोई आपराधिक इतिहास नहीं होने की वजह से ही लड्डन मियां ने उसे एक पत्रकार को मारने की जिम्मेदारी सौंपी।
रोहित को थी डॉन बनने की चाहत
पहले तो रोहित ने कहा था कि लड्डन मियां ने 15 हजार दिए थे, लेकिन बाद में 10 हजार पर आ गया। अधिकारियों को अंदेशा है कि रोहित बड़ा अपराधी बनने के लिए कुछ भी करने को तैयार था और यही वजह है कि उसने राजदेव रंजन को गोली मार दी।
लड्डन की गिरफ्तारी से खुलेंगे राज
राजदेव की हत्या के बाद से ही फरार चल रहा लड्डन मियां की पुलित सरगर्मी से तलाश कर रही है। एडीजी सुनील कुमार ने भी माना कि लड्डन जांच में अहम साबित हो सकता है। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने उसके सीवान स्थित घर पर दबिश डाली थी, लेकिन वह बीबी-बच्चों को लेकर फरार हो गया। पांच अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद यह भी खुलासा हुआ है कि रोहित को हत्या के लिए 15 हजार रुपये मिले थे। यह सुपारी लड्डन मियां ने दी थी।
हत्या के तार सीवान जेल से जुड़े हैं या नहीं, फिलहाल पुलिस इसको लेकर कुछ भी स्पष्ट करने की स्थिति में नहीं है। इस संबंध में एडीजी ने कहा कि रोहित ने साजिश पर अभी कुछ नहीं कहा है। उसने पुलिस को बताया कि उसके कुछ दोस्तों ने उसे हत्या करने को कहा था। सीवान जेल से इसके तार जुड़े हैं या नहीं इसका साक्ष्य फिलहाल नहीं है पर पुलिस इसे खारिज भी नहीं कर रही।
एडीजी ने कहा कि सीबीआई ने राजदेव रंजन हत्याकांड की जांच पूरी तरह अपने जिम्मे नहीं ली है। प्रारंभिक जांच जरूर सीबीआई ने शुरू कर दी है। हालांकि बिहार पुलिस सीबीआई के जांच का इंतजार नहीं करेगी। जहां तक जांच जाएगी वहां ले जाएंगे। घटना में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। हत्या किसने और क्यों करवाई यह पता लगाएंगे। हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए 57 लोगों की टीम जुटी हुई थी।
हिन्दुस्तान ऑफिस की रेकी की गई थी
पुलिस के अनुसार अपराधी विजय व बबुनिया रोड का राजेश हिन्दुस्तान ऑफिस के पास से हत्या के 13 दिन पहले से ही रेकी कर रहे थे। राजेश ने दो बार राजदेव रंजन की गाड़ी को भी जाकर देखा था कि गाड़ी है या नहीं। जैसे ही ऑफिस बंद हुआ और राजदेव रंजन बाइक से निकले राजेश व विजय भी पीछे से निकल गए। आगे वाले अपराधियों को उन्होंने इसकी जानकारी दी।
अंधेरे का फायदा उठाकर गोली मारी
बबुनिया रोड में एक स्थान पर सोनू गुप्ता अपने दूसरे साथी के साथ लाइनर का काम कर रहा था। वह सीबी जेड गाड़ी से था, जबकि रोहित व रिशु स्टेशन मोड़ पर बिरयानी हाउस के पास उनके आने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही राजदेव वहां पहुंचे उनकी मोबाइल की घंटी बजने लगी। पांच मिनट तक उन्होंने किसी से बात की। तब तक सभी अपराधी वहां पर जुट चुके थे। हालांकि वहां रोशनी व भीड़भाड़ होने से रोहित ने गोली नहीं चलाई। जैसे ही राजदेव आगे के लिए बढ़े पीछे उनके अपराधी लग गए। इसके बाद स्टेशन रोड फलमंडी के पास अपराधियों ने थोड़ा अंधेरा देखकर गोली मार दी। इसके बाद वहां से भाग गए।
दो गोली मारने पर नहीं गिरे राजदेव, तो तीसरी मारी
पुलिस ने खुलासा किया है कि राजदेव रंजन को शूटर व सीवान के पटवा टोली के राजकुमार सोनार के पुत्र रोहित कुमार ने गोली मारी थी। राजदेव की गाड़ी को ओवरटेक कर पहले दो गोली मारी गई। फिर भी वे गाड़ी से नहीं गिरे तो रोहित ने तीसरी गोली मार दी। इस पर राजदेव बाइक से नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गई। इसके बाद रोहित रिशु के साथ फरार हो गया। सोनू के घर पर उन्होंने हत्या में इस्तेमाल हथियार को छिपाया।
पांच टीम जांच कर रही थी
पत्रकार राजदेव हत्याकांड की जांच के लिए पांच टीम गठित की गई थी। पांचों टीम अलग-अलग काम कर रही थी, लेकिन उनकी मॉनिटरिंग सीवान एसपी सौरभ कुमार साह कर रहे थे। हत्या के बाद से तीन टीमों को जांच में लगाया गया था। इसके बाद डीएसपी के नेतृत्व में एक एसआईटी बनाई गई। बाद में सीआईडी की टीम भी जंच में जुड़ गई। जांच के दौरान इस मामले में दो दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की गई। 15 लोगों से पूछताछ के बाद उन्हें पीआर बांड पर छोड़ा गया।