नई दिल्ली
योगगुरु बाबा रामदेव ने विदेशों में रखे काले धन को वापस लाने के लिए केन्द्र सरकार के प्रयासों पर अपना असंतोष व्यक्त किया, वहीं यह भी कहा कि जब संसद में सांसद ‘‘सुन रहे’’ हो तो सड़कों पर नहीं बोलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कालेधन के मुद्दे पर सरकार द्वारा प्रभावी कदम नहीं उठाए जाने के कारण, मैं और देश के लोग असंतुष्ट हैं।’’ योगगुरु ने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से इस मुद्दे पर बातचीत की है। जब लोग संसद में सुन रहे हो तो हमें सड़कों पर नहीं बोलना चाहिए। वे कम से कम सुन तो रहे हैं।’’
बहरहाल, उन्होंने विकास योजनाओं को लागू करने एवं भ्रष्टाचार के प्रति उसकी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति के कारण केन्द्र सरकार की सराहना की। उड़ता पंजाब फिल्म को लेकर चल रहे विवाद पर स्वामी रामदेव ने यह कहकर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि वह फिल्में नहीं देखते। उन्होंने कहा, ‘‘किन्तु देश में नशे का इस्तेमाल बढ़ रहा है जिसे रोका जाना चाहिए तथा इस संबंध में सभी को प्रयास करने की आवश्यकता है।’’
सोमवार को जालंधर में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में नशीले पदार्थों की समस्याओं तथा कानून एवं व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के खिलाफ पार्टी के प्रस्तावित धरने पर उन्होंने कहा, ‘‘पहले उनसे (राहुल से) यह पूछा जाना चाहिए कि क्या उन्होंने कभी अपनी जिंदगी में नशीली दवायें ली हैं।’’ राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनाने की योजना को लेकर उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया।
उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘यदि राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया तो भाजपा कार्यकर्ता आलसी बन जाएंगे क्योंकि उन्हें कम मेहतन करनी पड़ेगी। किन्तु यदि वे प्रियंका को अध्यक्ष बनाना पसंद करते हैं तो भाजपा के लोगों को योग करना पड़ेगा।’’ राजद प्रमुख लालू यादव ने पिछले माह उनकी सराहना करते हुए कहा था कि कड़ी मेहनत के जरिये उन्होंने भारी सफलता प्राप्त की है। इस पर योगगुरु ने कहा, ‘‘कुछ लोगों को हजम नहीं हो रहा क्योंकि लालूजी ने रामदेव की आलोचना बंद कर दी है।’’