वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत को आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर दबाव बनाने का भरोसा दिलाया है। इसके साथ ही भारत सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट पर अमेरिकी समर्थन का वादा पाने में भी कामयाब रहा।
पाकिस्तान आंतक का गढ
व्हाइट हाउस में शुक्रवार तीन घंटे चली बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा दो दिन पहले जम्मू में दोहरे आतंकी हमले का जिक्र किए जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह 23 अक्टूबर को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मुलाकात के दौरान भारत के खिलाफ जारी आतंकवाद का मुद्दा उठाएंगे।
ओबामा ने ताजा आतंकी हमलों में मारे गए लोगों के प्रति सहानुभूति जताते हुए पाकिस्तान के साथ वार्ता जारी रखने के लिए मनमोहन सिंह की तारीफ की। सूत्रों के मुताबिक अमेरिका ने भारत ही नही समूचे क्षेत्र में लश्करे तैयबा के बढ़ते खतरे पर भी चिंता जाहिर की। मनमोहन सिंह ने ओबामा को बताया कि जमात उद दावा समेत विभिन्न आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की पंजाब सरकार आर्थिक मदद मुहैया कराती है।
ओबामा ने एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता प्राप्त करने के भारत के प्रयासों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका मानता है कि भविष्य में सुरक्षा परिषद में सुधार किया जाएगा और भारत को इसकी स्थायी सदस्यता दी जा सकेगी। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि विश्व में शांति और सुरक्षा के लिए 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की प्रभावी भूमिका को सुनिश्चित करना भारत और अमेरिका की जिम्मेदारी है। दोनों नेताओं ने नई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
मुलाकात के बाद संयुक्त बयान में कहा गया कि वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए दोनों देशों को एक दूसरे को सहयोगी के रूप में देखना चाहिए। ओबामा और सिंह बातचीत के दायरे में हिंद महासागर क्षेत्र को लाने पर भी सहमत हो गए हैं। इस समय भारत और अमेरिका के बीच पूर्वी एशिया, मध्य एशिया और पश्चिम एशिया को लेकर बातचीत चल रही है।
मनमोहन को विदा करने पोर्टिको तक आए ओबामा
ह्वाइट हाउस में एक अप्रत्याशित और दुर्लभ दृश्य तब देखने को मिला जब ओबामा भारतीय प्रधानमंत्री को विदा करने पोर्टिको तक आए। यह मुलाकात ओवल आफिस में हुई। ह्वाइट हाउस के प्रोटोकॉल से परिचित और उस पर निगाह रखने वाले लोगों के अनुसार हाल के समय में ऐसा कभी नहीं हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपने अतिथि को विदा करने पोर्टिको तक आए हों। मनमोहन के प्रति ओबामा का यह सम्मान भाव नया नहीं है। वह भारतीय प्रधानमंत्री को एक अनुभवी राजनेता और शीर्ष अर्थशास्त्री की संज्ञा देते रहे हैं।