देश-विदेश. तुर्की और सीरिया में आये भूकंप से लोग उभर नही पाए थे कि फिर सोमवार को 6.4 तीव्रता का भयानक भूकंप आया जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। दोनों देश 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप की तबाही से अभी उभर ही रहे हैं। 7.8 तीव्रता के उस भूकंप में अब तक 45 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। सोमवार के झटकों ने लोगों के बीच एक बार फिर दहशत पैदा कर दी है। भूकंप तुर्की के दक्षिणी प्रांत हाते और उत्तरी सीरिया में महसूस किया गया। तुर्की के आंतरिक मंत्री सुलेमान सोयलू ने कहा कि तीन लोग मारे गए हैं और 213 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं सीरिया ने 130 से अधिक लोगों के घायल होने और कुछ क्षतिग्रस्त इमारतों के ढहने की जानकारी दी।
बता दें कि, 6 फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद 40 से अधिक आफ्टरशॉक्स आए थे। भूकंप से 45,000 से अधिक लोगों की जान चली गई है जबकि हजारों इमारतें भी ध्वस्त हो गईं हैं। भूकंप के बाद हजारों की संख्या में लोग बेघर भी हो गए हैं। लोग अब ट्रेन, टेंट और ग्रीनहाउस के नीचे दिन गुजार रहे हैं।
हजारों लोग अभी भी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और कुछ टेंट, कारखानों, ट्रेन कारों और ग्रीनहाउस में रह रहे हैं। तुर्की सरकार और दर्जनों सहायता समूहों ने बड़े पैमाने पर राहत प्रयास शुरू किए हैं। सरकार ने बुधवार को कहा कि 5,400 से अधिक शिपिंग कंटेनर आश्रयों के रूप में तैनात किए गए हैं और 200,000 से अधिक टेंट भेजे गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एर्दोगन ने कहा कि करीब 1,18,000 इमारतें या तो तत्काल ढह गईं या बेहद बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। उन्होंने घोषणा की है कि 199,739 घरों के निर्माण के लिए पुनर्निर्माण का काम मार्च में शुरू होगा। इन इमारतों में से कोई भी तीन या चार मंजिला से ज्यादा ऊंची नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नए घरों को ‘पहाड़ों के करीब’ फॉल्ट लाइन से दूर बनाया जाएगा। ‘हम एक साल के भीतर टेंट और कंटेनर के शहरों में रहने वाले अपने नागरिकों को उनके मजबूत, सुरक्षित और आरामदायक घरों में ले जाना शुरू कर देंगे।’