कोरोना महामारी के बीच नया खतरा… इस देश मे मिला दिमाग खाने वाला अमीबा.. जानिए कैसे फैलता है संक्रमण

फ़टाफ़ट डेस्क. कोरोना महामारी के बीच आए दिन अन्य तरह के स्वास्थ्य संकट की भी खबरें चिंता बढ़ा रही हैं. भारत में आईसीएमआर यानी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने एक और चीनी वायरस CQV यानी कैट क्यू वायरस के खतरे के प्रति आगाह किया है, तो महाराष्ट्र और गुजरात के सीमावर्ती जिलों में कांगो बुखार के मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. इस बीच अमेरिका से भी एक नए खतरे की खबर सामने आई है. वहां टेक्सास के तटवर्ती इलाके में सरकारी जलापूर्ति व्यवस्था के तहत सप्लाई किए जा रहे पानी में एक खतरनाक किस्म का अमीबा मिला है. यह अमीबा इंसानों के दिमाग में पहुंचकर उसे खाता है. इस खबर ने कोरोना से बुरी तरह प्रभावित होने वाले अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है। 

इंसानी दिमाग खाने वाले अमीबा की वजह से टेक्सास में छह साल के एक बच्चे की मौत हो चुकी है. इस घटना के बाद प्रशासन अलर्ट हुआ है और इसकी जांच कर रहा है. अमीबा की इस नई प्रजाति का अध्ययन भी किया जा रहा है. फिलहाल टेक्सास के आठ शहरों में लोगों को आगाह किया गया है और सरकारी जलापूर्ति का पानी उपयोग न करने की अपील की गई है.

इस नई प्रजाति के अमीबा को नेगलेरिया फाउलरली बताया जा रहा है. साल 2009 से लेकर 2018 तक इसके संक्रमण के 34 मामले सामने आए थे। वहीं, 1962 से 2018 तक इस तरह के संक्रमण के अमेरिका में 145 मामले सामने आए थे.

टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने इस संबंध में सूचना जारी कर कहा है कि टेक्सास के जैक्सन झील से आपूर्ति किए जाने वाले पानी में यह अमीबा पाया गया है. इस अमीबा का रेप्लिकेशन तेज होता है यानी यह बहुत तेजी से अपना प्रतिरूप तैयार करता है. ऐसे में अमीबा का रेप्लिकेशन इंसानों के लिए घातक हो सकता है.

ताजे पानी में पाया जाने वाला यह सूक्ष्म जीव नाक के जरिए इंसानों के दिमाग तक पहुंच सकता है और संक्रमण फैला सकता है. अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, इस अमीबा का संक्रमण दुर्लभ है. जलस्रोतों का रख-रखाव ठीक से नहीं करने पर इस प्रजाति के अमीबा की मौजदूगी हो सकती है. ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.