देश की सरहदों को देखने तथा उनकी हिफाजत में लगे वीर सैनिकों से रु-ब-रु होने के लिए ‘माँ तुझे प्रणाम’ योजना में भेजे गये मध्यप्रदेश के युवा वहाँ से लौट कर जोश और देश-भक्ति के जज़्बे से लबरेज हैं। इस तरह की पहल करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। अभी तक दो यात्राएँ हो चुकी हैं, जिनमें विभिन्न जिले के 361 युवा शामिल थे।
एक मौका और मिले
‘‘माँ तुझे प्रणाम’’ योजना यात्रा से लौटे युवा काफी उत्साहित है और स्वयं को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से ऐसी अद्भुत यात्रा पर जाने का दुर्लभ अवसर मिला। पंजाब के बाघा बार्डर और हुस्सैनीवाला का भ्रमण कर लौटे डिण्डोरी के अनिकेश, संदीप पटेल एवं रवि कुमार अहिरवार अनुभव यात्रा से अभिभूत हैं। उनकी चाहत है कि उन्हें ऐसी यात्रा पर जाने का दोबारा अवसर मिले। इसी तरह मंदसौर के नीलेश शुक्ला ने अनुभव यात्रा को सद्भाव और सामाजिक समरसता का संदेश देने वाली अनूठी यात्रा बताया। वे कहते हैं कि जवानों के त्याग, शौर्य, बलिदान की गाथा और राष्ट्रवाद की भावना को हम जन-जन तक पहुँचाने का कार्य करेंगे। सतना के सिद्धार्थ सिंह और मंडला के अभिषेक सिंह चाहते हैं कि ऐसी अनुभव यात्राएँ सतत् रूप से होती रहें ताकि युवाओं में देशभक्ति का जज़्बा कायम रहे और सीमाओं की रक्षा और संस्कृति जानने का अवसर मिले।
सपना साकार हुआ
खण्डवा के योगेन्द्र चौहान की बचपन से ख्वाहिश थी कि उन्हें बार्डर पर जाने और देश की सेवा करने का अवसर मिले। संयोग से योगेन्द्र चौहान को पंजाब के हुस्सैनीवाला की अनुभव यात्रा पर जाने का अवसर मिला। वे अनुभव यात्रा को अपने जीवन की सबसे अनमोल यात्रा बताते हुए कहते हैं कि बार्डर पर जाकर मेरा सपना साकार हो गया। इसके लिए वे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। इसी तरह जबलपुर के सचिन नामदेव सहित अनुभव यात्रा पर गये अनेक युवाओं ने इस यात्रा को महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता प्रकट की है।
सेना में जाने की इच्छा
देवास की रेखा चौहान ने आर.एस.पुरा की यात्रा को अब तक की यात्राओं में सर्वश्रेष्ठ ज्ञानवर्द्धक और आनंददायी बताते हुए कहा कि भारतीय सेना में कार्य कर देश की सेवा करने की मेरी इच्छा है। अनुभव यात्रा से मेरा उत्साह दोगुना हो गया है। छतरपुर की आकाँक्षा का कहना है कि हमें भारतीय सेना पर गर्व है। जबलपुर की शालिनी श्रीवास्तव कहती है कि सरहद की सुरक्षा के लिए तैनात जवानों के जज्बे को नजदीक से देखकर हम गौरवान्वित हैं।
देश से बढ़कर कुछ नहीं
कोच्चि की अनुभव यात्रा से लौटी कटनी की पूर्वी गुप्ता अपने अनुभव शेयर करते हुए बताती है कि अनुभव यात्रा से सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के रहन-सहन, संस्कृति, तीज-त्यौहारों को जानने, वहाँ के रीति-रवाजों, शिक्षा, पेयजल सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को देखने-समझने के साथ ही भारतीय नौ सेना, विमान क्षेत्र में लड़ाकू विमानों, रेस्क्यू ऑपरेशन, समुद्री सीमाओं की चौकसी, राडार, दक्षिण कमान मुख्यालय की गतिविधियों को जानने का अवसर मिला। वाकई देश से बढ़कर कुछ नहीं है। इसी तरह कटनी की अंजरी बक्शी भी इस यात्रा से बेहद खुश है और कहती हैं कि बार्डर पर हमारे सैनिकों की चौकसी से ही हम चैन की नींद सो पाते हैं। अपने अनुभवों को एक दूसरे से साझा कर मैं राष्ट्रवाद की अलख जगाऊंगी। शहडोल की सोनम यादव, उमरिया की ज्योति तिवारी ने भी अनुभव यात्रा को रोमांचक, शिक्षाप्रद और राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत बताया।
पंजाब के लोंगोवाला और तनोत माता मंदिर की यात्रा पूरी कर राजगढ़ की निकिता शर्मा ने अनुभव प्रश्नावली में लिखा हैं कि इस यात्रा से काफी कुछ सीखने को मिला है और वे यहाँ से देश की सेवा के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना लेकर वापस जा रही हैं। सीहोर की स्नेहलता, माधवी टांक, कविता जायसवाल, रेखा चौहान, बुरहानपुर की ममता तिवारी, नीमच की मीनाक्षी चौहान सहित अन्य युवक-युवतियों ने अनुभव यात्रा में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा मुहैया कराई गई सेवाओं से पूर्णतः संतुष्टि जाहिर करते हुए अनुभव यात्रा के लिए विभाग को धन्यवाद दिया है।
पवित्र माटी का तिलक
‘‘इस मिट्टी से तिलक करो यह धरती है बलिदान की… वन्दे मातरम्…।’’ यह गीत उस वक्त साकार हो उठा जब ‘‘माँ तुझे प्रणाम’’ योजना के जरिये मध्यप्रदेश के कोने-कोने से देश की सीमाओं पर पहुँचे युवाओं ने अमर शहीदों के रक्त से सिंचित सीमा क्षेत्र की पावन मिट्टी से तिलक किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। इस पवित्र माटी को युवा अपने साथ लाए हैं ताकि वे इस मिट्टी से लोगों का तिलक करें और अमर शहीदों की शौर्य गाथा की सुगंध बिखेरकर इस जज्बे को जन-जन तक पहुँचा सकें। युवाओं ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का इस मिट्टी से तिलक कर अनुभव यात्रा के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
देश में अव्वल मध्यप्रदेश
मंत्री श्री तुकोजीराव पवार और खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने ‘माँ तुझे प्रणाम’ योजना को प्रदेश की अभिनव योजना बताते हुए कहा है कि युवाओं में देशप्रेम और राष्ट्र के प्रति समर्पण भावना जगाने में यह योजना कारगर सिद्ध होगी। सरहदों पर तैनात जवानों के त्याग, शौर्य और शहीदों के बलिदान की गाथा को जन-जन तक पहुँचाने में सरकार की यह सराहनीय पहल है। माँ तुझे प्रणाम योजना को लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।
संचालक खेल और युवा कल्याण विभाग डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि ‘माँ तुझे प्रणाम’ योजना का पूरी गंभीरता और बेहतर तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया है। प्रदेश शासन द्वारा योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपकर खेल और युवा कल्याण विभाग को गौरवान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि अनुभव यात्रा का यह सिलसिला निरन्तर जारी रहेगा।