छत्तीसगढ़ का गरियाबंद दर्शनीय जलप्रपातों और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है. लेकिन यहां दर्शनीय स्थल और जंगल अपराध करने वालों के लिए एक सुरक्षित स्थान भी हो चला है. यहां पूरे वर्ष में कई बार अंधे कत्ल की वारदातें सामने आती हैं और पुलिस को कुछ मामला में अपराधियों तक पहुंचने में सफलता भी मिल जाती है. उन्हें पुलिस जेल की सलाखों के पीछे तो भेज देती हैं. लेकिन उसके बाद कुछ आरोपी सबक न लेते हुए कुछ वारदात कर ही देते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है.
बुधवार की सुबह गरियाबंद मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर बारूका ग्राम के पास स्थित चिंगरापगार जलप्रपात के पास लगभग 30 से 35 वर्ष आयु की शादीशुदा महिला की लाश खून से लथपथ पड़ी मिली. मौके पर खून से सना एक चाकू भी मिला. इस चाकू से महिला के गले में घातक प्रहार कर उसे जान से मारने की कोशिश की गई थी. अत्यधिक रक्तस्राव के कारण महिला की मौत होना बताया जा रहा है.
खास बात यह है कि महिला की पहचान मिटाने के लिए उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगाकर लगाने की कोशिश की गई है. यह मामला गरियाबंद कोतवाली क्षेत्र का बताया जा रहा है. थाना प्रभारी मौके पर पहुंचकर महिला की शिनाख्त की कार्यवाही शुरू की. पुलिस ने महिला के अंगूठे से आधार कार्ड का पता लगाया. साथ ही आसपास के थानों में गुमशुदगी की भी जानकारी ली है. आधार कार्ड के अंगूठे में मिलान अनुसार महिला का नाम तुलसी चंद्राकर बताया गया है, वहीं रायपुर जिले के गोबरा नवापारा थाना से एक महिला की गुमशुदगी की भी पुलिस को सूचना मिली है.
गरियाबंद सिटी कोतवाली थाना प्रभारी वेदवती दरियो ने बताया कि मौका देख यह प्रतीत होता है, कि महिला की हत्या करने की नियत से ही आरोपी ने ऐसे सुनसान स्थान का चयन किया था. पुलिस ने पंचनामा कार्यवाही पूर्ण कर शव को पोस्टमार्टम के लिए गरियाबंद शासकीय चिकित्सालय में भेज दिया है.