सूखे का मुकाबला करने शासन ने किसानों को दिया हौसला
प्रभावित किसानों को आगामी खरीफ मौसम में दिया जायेगा
निःशुल्क धान बीज
रायपुर
अमीर हो या गरीब, घर में सुख हो या दुःख प्रत्येक पिता अपनी बेटी का विवाह धूमधाम से कर उसे सुखी जीवन का आर्शीवाद देना चाहता है। राज्य के मुखिया डॉ. रमन सिंह ने भी पिताओं की इस भावना को समझते हुए सूखे की छाया बेटियों के जीवन पर ना पड़ने देने का निर्णय लिया है। उन्होने सूखा प्रभावित किसानों की विवाह योग्य बेटियों के हाथ पीले करने के लिये मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में 15 हजार की राशि बढ़ाकर 30 हजार रूपए कर दी है। अब सूखा प्रभावित किसान बिना किसी चिंता के धूमधाम से बेटियों के हाथ पीले कर सकेंगें। 01 जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2016 तक प्रभावी इस योजना के तहत यह राशि सीधे सूखा प्रभावित किसानों के खाते में जमा कराई जायेगी।
अल्प वर्षा के कारण राज्य शासन द्वारा राज्य की 117 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है तथा सूखे से प्रभावित किसानों की मदद के लिये अनेक उपाय किये जा रहे हैं। शासन द्वारा आगामी खरीफ 2016 में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में लघु एवं सीमांत किसानों को निःशुल्क धान बीज का वितरण किया जायेगा। इसके लिये वही किसान पात्र होंगें जिन्हें खरीफ 2015 में फसल क्षति के लिये राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत राहत राशि की पात्रता हो।
इन किसानों को अधिकतम एक क्विंटल तक बीज दिया जाएगा। 0.5 एकड़ से अधिक किंतु एक एकड़ तक की भूमि वाले किसानों को 30 किलो, एक एकड़ से अधिक लेकिन ढेड़ एकड़ तक भूमि वाले किसानों को 45 किलो, ढेड़ एकड़ से अधिक लेकिन दो एकड़ तक की भूमि वाले किसानों को 60 किलो, दो एकड़ से अधिक लेकिन ढाई एकड़ तक की भूमि वाले किसानों को 75 किलो, ढ़ाई एकड़ से अधिक किंतु तीन एकड़ तक की भूमि वाले किसानों को 90 किलो और तीन एकड़ से अधिक किंतु पांच एकड़ तक की भूमि वाले किसानों के लिए 100 किलो निःशुल्क बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
सूखाग्रस्त किसानों की मदद के लिये सरकार द्वारा कृषि ऋणों में राहत देने का फैसला लिया गया है। शासन द्वारा सूखा प्रभावित ऐसे किसानों को जिन्होने वर्ष 2015 में खेती के लिये ऋण लिया है उनके अल्प कालीन ऋणों को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तन अथवा आंशिक ऋण माफी की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा राज्य के सूखा प्रभावित तहसीलों में कृषि भूमि पर वर्ष 2015-16 के लिये भू-राजस्व की छूट प्रदान की गई है। तथा खरीफ फसल की किसानों की जल कर की राशि भी माफ कर दी गई है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत किसानों को उनकी फसल क्षति के लिये सहायता अनुदान राशि भी प्रदान की जा रही है।