कोरबा. वन मंडल कोरबा के अंतर्गत ग्राम कठराडेरा में मिले एक अर्धवयस्क अस्वस्थ हाथी मिला था जिस के इलाज में वन अमला समेत एक्सपर्ट की टीम जुट चुकी है. हाथी के इलाज में जुटी वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट और चिकित्सकों की टीम स्थिति पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं. अस्वस्थ हाथी की जान बचाने के लिए रायपुर और बिलासपुर से भी वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम ग्राम कठराडेरा के लिए रवाना हो चुकी है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अतुल शुक्ला ने बताया कि अस्वस्थ हाथी को वन विभाग के अमले और ग्रामीणों की मदद से करवट लिटाया गया है. हाथी के सांस लेने की गति और शरीर का तापमान सामान्य है. उन्होंने यह भी बताया कि हाथी बार-बार उठने की कोशिश कर रहा है, परन्तु उठ नहीं पा रहा है. हाथी के शरीर में पर्याप्त ताकत नहीं है.
प्रधान मुख्य वन संरक्षक अतुल शुक्ला के अनुसार आज दोपहर को कठराडेरा के ग्रामीणों ने एक अर्ध वयस्क हाथी को पेट के बल लेटे पाए जाने पर इसकी सूचना परिसर रक्षक गुरमा को दी. परिसर रक्षक ने इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को देने के साथ ही तत्काल मौके पर पहुंचे तो पाया कि हाथी के सांस लेने में परेशानी हो रही है. वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट डॉक्टर की मौजूदगी में वन विभाग के अमले और ग्रामीणों की मदद से हाथी को करवट लिटाया गया, जिससे सांस लेने में हाथी को हो रही तकलीफ दूर हो गई है. हाथी के सांस लेने की गति लगातार रिकॉर्ड की जा रही है. मौके पर मौजूद पशु चिकित्सक करतला द्वारा हाथी का तापमान लिया गया, जो कि सामान्य है. श्री शुक्ला ने बताया कि हाथी अर्ध वयस्क है. उसकी ऊंचाई 1.9 मीटर है. वन मंडलाधिकारी कोरबा गुरूनाथन और अधीनस्थ अधिकारी मौके पर वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट चिकित्सकों के साथ मौजूद हैं और अस्वस्थ हाथी का इलाज जारी है.
बीते दिनों सरगुजा में हुए तीन हथनियों की मौत के बाद वन अमले के कई अधिकारियों पर निलंबन की कार्यवाही देखने को मिली थी. जिसके बाद अब वन अमले के कान खड़े हो चुके हैं. इस अस्वस्थ हांथी के इलाज को लेकर किसी प्रकार की ढील नहीं दी जा रही है. प्रदेश में हुए इन घटनाओं के बाद शायद अब वन अमले से वन्य प्राणियों की सुरक्षा के विषय में उम्मीद की जानी चाहिए.