
कांकेर, छत्तीसगढ़। परलकोट की वीर बेटी इशिका बाला ने उस कहावत को साकार कर दिखाया – “जहां चाह, वहां राह।” शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गोण्डाहुर (विकासखंड कोयलीबेड़ा, जिला कांकेर) की छात्रा इशिका ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं बोर्ड परीक्षा 2025 में 99.16% अंक हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
लेकिन इशिका की यह सफलता सिर्फ अंकों तक सीमित नहीं है। असल लड़ाई तो वह पिछले दो वर्षों से ब्लड कैंसर के खिलाफ लड़ रही है। बीमारी के चलते वह पिछले वर्ष वार्षिक परीक्षा में शामिल नहीं हो सकी थी, जिससे वह बेहद मायूस हो गई थी। लेकिन इस साल उसने अपनी हिम्मत, मेहनत और हौसले से दो मोर्चों पर जंग लड़ी – एक शिक्षा के क्षेत्र में और दूसरी बीमारी से जूझते हुए।
किसान की बेटी, जिद की प्रतीक
इशिका बाला, पीवी नंबर 51 की निवासी हैं। उनके पिता शंकर बाला एक साधारण किसान हैं और माता इति बाला एक गृहिणी। सीमित संसाधनों के बावजूद इस परिवार ने अपनी बेटी के सपनों को न केवल जीवित रखा, बल्कि उन्हें उड़ान भरने की ताकत भी दी।
विद्यालय ने निभाई अपनी भूमिका
इशिका की सफलता में विद्यालय की भूमिका भी अहम रही। हायर सेकेंडरी स्कूल गोण्डाहुर के प्राचार्य अरुण कुमार कीर्तनीय और सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने समय-समय पर न सिर्फ शैक्षणिक सहयोग दिया, बल्कि मानसिक रूप से भी इशिका को संबल प्रदान किया।
अभी बाकी है एक जंग
हालांकि शिक्षा के मैदान में इशिका ने जीत दर्ज कर ली है, लेकिन कैंसर से उसकी जंग अब भी जारी है। पूरे प्रदेश में उसके लिए दुआओं का सिलसिला चल पड़ा है।
प्रदेश कर रहा सलाम
इशिका बाला की यह कहानी केवल एक टॉपर की नहीं, बल्कि संघर्ष, साहस और संकल्प की मिसाल बन चुकी है। यह जीत उन सभी के लिए प्रेरणा है जो मुश्किलों से हार मानने की सोचते हैं। प्रदेश भर से लोग इस होनहार छात्रा के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं और उसे उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दे रहे हैं।