कवर्धा. जिले के सुगम और दूरवर्ती इलाके में एक ऐसा भी गांव है. जहाँ ग्रामीण स्थानीय प्रशासन से सड़क की मांग करते-करते थक गए. लेकिन ग्रामीणों की कभी सड़क नही मिला. केवल आश्वाशन ही मिलता रहा. जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद से सड़क बनाने की ठानी और वे अपने काम मे लग गए. श्रमदान से ग्रामीणों ने सड़क भी बना ली. और अब वे मिसाल है. ऐसे ग्रामीण परिवेश के लोगो के लिए. जो अपनी बुनियादी सुविधाओं के सरकारी दफ्तरों में भटकते रहते है और वे उन्हें केवल आश्वासन ही देते हैं.
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के गृह जिले के चिल्फी-झलमला मार्ग पर स्थित माराडबरा गांव के ग्रामीण प्रशासन से सड़क की मांग करते-करते थक गए. लेकिन उन्हें सड़क नही मिली पर. अधिकारियों से मिलने वाले आश्वासन ने उन्हें नाराज कर दिया. ग्रामीणों को बरसात के सीजन में आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था और बुनियादी सुविधाओं की नींव भी सड़क पर ही निर्भर होती है. गांव में सुगम आवागमन की सुविधा हो तो ग्रामीण असानी से अपनी अन्य जरूरतों को पूरा कर सकते है. ऐसे में कुछ ग्रामीणों ने मिलकर एक तरकीब निकाली और आज उनका सपना पूरा हो गया है. बता दे कि गांव के ग्रामीणों ने सड़क के लिए लकड़ी और पत्थर का सहारा लिया और दलदल में तब्दील हो चुके रास्ते को एक बार फिर उन्होंने अपने आवागमन के लिए तैयार कर लिया.
देखिए.. पूरी ख़बर वीडियो न्यूज़ में..