अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय)..प्रशासन की उदासीनता से इन दिनों क्षेत्र में रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं. आलम यह है बिना वैध अनुमति के ये नदी में जेसीबी मशीन लगाकर अवैध रूप से बालू का खनन कर रहे है. कार्रवाई के अभाव में रेत माफिया अवैध रूप से रेत खनन कर मोटी कमाई कर रहे है. जबकि शासन को इससे राजस्व का तगड़ा नुकसान झेलना पड़ा रहा है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस बारे में पूरी जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करना समझ से परे है.
गौरतलब है कि क्षेत्र में पिछले कई समय से रेत माफिया सक्रिय है. जो बिना अनुमति के अवैध रूप से नदियों से रेत उत्खनन कर मोटी कमाई कर रहे है.. और कार्रवाई नहीं होने से इन माफियाओं के हौसलें बुलंद हैं. जिनकी तादाद दिनोदिन क्षेत्र में बढ़ती जा रही है. जो जेसीबी और पोकलेन मशीन से नदियों से रेत उत्खनन कर क्षेत्र में सप्लाई कर रहे हैं. पहले रेत माफियाओं का दायरा काफी हद तक सीमित था पर अब इनका दायरा विशुनपुर मांड़ नदी से लेकर ढेलसरा, मंगरैलगढ़, नवाटोली, केशला, भिठुवा, प्रतापगढ़ होते हुए..गुतुरमा जोकडाड़ मांड़ नदी तक फैल चुका है. जहाँ मशीनों के माध्यम से अवैध रूप से रेत उत्खनन कर प्रतिदिन सैकडों की संख्या में छोटी-बड़ी वाहनो से रेत की ढुलाई की जा रही है.
इनके ख़िलाफ़ अधिकारियों ने बीच बीच मे धरपकड़ अभियान चलाया. लेकिन इन पर उसका कोई प्रभाव पड़ता नजर नही आया ..और नतीजा ये है कि बेखौफ हो चुके रेत माफिया कार्रवाई के बाद भी धड़ल्ले से अपने मंसूबो को अंजाम दे रहे है. अब तो आलम यह है कि इस काम मे अब स्थानीय लोगो के अलावा बाहरी तत्वों ने भी अपने बाहुबल के जरिये पैर जमाना शुरू कर दिया है. जो भविष्य में नदियों के अस्तित्व के लिए घातक सिद्ध हो सकता है. धीरे धीरे हालात इस कदर खराब होने लगे है कि नदी के जिस क्षेत्र में पूर्व से कोई माफिया पैर जमाये बैठा है. अगर वहाँ कोई दूसरा रेत उत्खनन के लिये पहुँच जाता है. तो विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है. अगर समय रहते इन पर नकेल नही कसा गया ..तो अवैध रेत उत्खनन के चक्कर मे कभी भी गैंगवार जैसी घटना निर्मित हो सकती है. जो क्षेत्र की शांति व्यवस्था के लिये काफी घातक साबित हो सकता है.
इस संबंध में एसडीएम दीपिका नेताम ने बताया कि रेत माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर प्रशासन मुस्तैद है. हमेशा एक अभियान के तहत इनकी धरपकड़ की गई है और आगे भी अवैध रूप से रेत उत्खनन करने वालो के विरुद्ध कार्रवाई जारी रहेगी.