कोरिया (J.S.ग्रेवाल की रिपोर्ट)
नगरपालिका बैकुन्ठपुर के चुनाव में एक बार फिर पूर्व वित्तमंत्री डां.रामचंद्र सिंहदेव की चली है। जिसका परिणाम है कि अशोक जायसवाल कांग्रेस की ओर से नगरपालिका अध्यक्ष पद के उम्मीदवार घोषित हुए हैं। जिससे काफी लम्बे समय से तैयारी कर रहे एक अन्य युवा प्रबल दावेदार आशीष डबरे को काफी तगड़ा झटका लगा है। डबरे कांग्रेस के समर्पित नेता माने जाते है। बैकुन्ठपुर की राजनीति से अपने को दूर बताने वाले डां. सिंहदेव की पकड़ अभी भी कितनी मजबूत है इसका अंदाजा एक बार फिर सूबे के बड़े राजनेताओ को हो गया होगा। कोरिया के विकास पुरूष कहे जाने वाले डॉ रामचन्द्र सिंगदेव कोरिया कुमार की बात काटने की हिम्मत आज नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव व पूर्व केन्द्रीय मंत्री डां. चरणदास महंत भी नही कर सकते है। पिछले नगरपालिका चुनाव में कांग्रेस से प्रदीप गुप्ता को व भरतपुर-सोनहत से विधानसभा का प्रत्याशी गुलाब कमरो भी डां. सिंहदेव की पसंद का बनाया था और बैकुन्ठपुर विधानसभा सीट से वेदांती तिवारी तो कोरिया कुमार की पहली और आखिरी पसंद हैं ही। यह दीगर बात है कि उपरोक्त तीनो उम्मीदवार अपना-अपना चुनाव विभिन्न कारणो से हार चुके है।
बताया जाता है कि बैकुन्ठपुर नगरपालिका के लिए दावेदार आशीष डबरे के नाम पर महंत व टीएस की सहमति बन गयी थी। ऊपर से हरी झण्डी मिलने के बाद ही डबरे ने अंधाधुंध प्रचार – प्रसार भी आरंभ कर लाखो रूपए पानी की तरह खर्च कर दिए थे। लेकिन कांग्रेसी नेताओ की माने तो डां. रामचंद्र सिंहदेव के हस्तक्षेप की वजह से ही डबरे को मुह की कहानी पड़ी है। बताया जाता है कि लगभग 15 वर्ष पूर्व स्थानीय कालेज चुनाव में भी आशीष डबरे एनएसयूआई से अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार थे परंतु आखिरी वक्त में तात्कालीन विधायक डां. सिंहदेव की पसंद को तरजीह देते हुए उनके समर्थक व वरिष्ठ कांग्रेसी बिहारी लाल गुप्ता के पुत्र को टिकट दी गयी। यह दीगर बात है कि उनके समर्थक का पुत्र अभाविप के उम्मीदवार से चुनाव हार गया। वह पहला और आखिरी मौका था जब शायद पीजी कालेज में अभाविप का अध्यक्ष निर्वाचित हुआ। अन्यथा पीजी कालेज में एनएसयूआई ने ही अपना परचम लहराया है। लेकिन इस बार सभी कांग्रेसियो को एकजुट हो कर इस मिथ्क को तोड़ना होगा। इसमें कोई शक नही है कि अशोक जायसवाल के रूप में कांग्रेस ने एक बेहतरीन प्रत्याशी का चयन किया है। जो हर प्रकार से बेदाग है व सबको साथ लेकर चलने में विस्वास रखता है। यदि पूरी पार्टी ने एक जुटता के साथ काम कर दिया तो कांग्रेस की राह काफी हद तक आसान रहेगी। अब वरिष्ठ कांग्रेसियो के लिए चुनौती है कि वह डबरे को मना इस चुनाव में महत्तवपूर्ण जिम्मेदारी दें। क्योंकि डबरे के पास भी कार्यकत्ताओ की लम्बी फौज है। इस कार्य में पूर्व वित्तमंत्री को भी पार्टी का साथ देना चाहिए। ताकि नगरपालिका में कांग्रेस का सूखा समाप्त हो स