सूरजपुर…ग्राम नवापारा कलां में संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान नवापारा कलां एक बार फिर अपने लापरवाही के कारण चर्चा का विषय बना हुआ हैं। इस बार कई हितग्राहियों को पिछले महीने का राशन नहीं दिया गया हैं। संचालक द्वारा हितग्राहियों से फिंगर लगवाकर सभी हितग्रहियों से 30 रुपए पैसा भी ले लिया गया हैं। दरअसल, इस सोसाइटी में राशन की गड़बड़ी भारी मात्रा में हुई हैं। जिसके चलते राशन हितग्राहियों को समय पर नहीं मिल पाता हैं। बता दें कि, इस सरकारी उचित मूल्य दुकान को पिछले कुछ सालों से जिस भी संचालक द्वारा चलाया गया। उनमें कइयों पर राशन वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगा हैं। जिससे हमेशा हितग्राहियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा हैं। लेकिन, इस संचालक के द्वारा ज्यादा ही परेशान किया जा रहा हैं। जिसका शिकायत ग्रामीण और जनप्रतिनिधि द्वारा जनपद सीईओ, फूड इंस्पेक्टर, तहसीलदार एवं जिला जनदर्शन तक किया गया हैं। लेकिन, कार्रवाई नहीं हुई हैं।
दरअसल, अप्रैल माह में अप्रैल-मई दोनों महीने को मिलाकर राशन सरकार के द्वारा भेजा गया था। जिसमें अप्रैल महीने का पूरा राशन आया था जैसे चावल शक्कर चना और नमक। जबकि, मई महीने का केवल चावल आया था, शक्कर, चना और नमक नहीं आया था। संचालक द्वारा हितग्राहियों को उनके कोटे का राशन अप्रैल महीने में ही वितरण किया गया। जिसमें सभी हितग्राहियों का फिंगरप्रिंट लगवा लिया गया, संचालक पैसा भी ले लिया और उनके राशन कार्ड में प्रिंट भी कर दिया। लेकिन, ज्यादातर हितग्राहियों को राशन नहीं दिया गया। संचालक द्वारा कहा गया कि, चावल खत्म हो गई हैं, आएगा तो दिया जाएगा। अब जून महीने का राशन आ गया तो जिन्हे नहीं मिल पाया था उन हितग्राहियों को अब (29 मई) दिया जा रहा हैं। दरअसल, इस सोसाइटी में संचालक द्वारा भारी मात्रा में राशन की हेरा फेरी किया गया हैं। लिहाजा हितग्राहियों को महीने के 7 तारीख से राशन मिलना रहता हैं। लेकिन, संचालक द्वारा ज्यादातर राशन का वितरण महीने के 15 तारीख के बाद से शुरू किया जाता हैं। ताकि, वितरण करते तक अगले महीने का चावल आ जाए और सभी हितग्राहियों को उनके कोटे का राशन मिल सके। हितग्राहियों को राशन तो मिल जाता हैं। लेकिन, संचालक संचालक की लापरवाही के चलते हितग्राहियों को बहुत ज्यादा परेशानी होती हैं। इसी तरह यहां वितरण होता हैं।
सवाल यह हैं कि, 2 महीने का राशन में हितग्राहियों को एक महीने का पूरा राशन नहीं मिल पा रहा हैं? इसके लिए संचालक को जून महीने का राशन का इंतजार करना पड़ गया? आखिर ऐसा क्यों हो रहा हैं? इससे यह स्पष्ट होता हैं कि, दुकान संचालक द्वारा भारी मात्रा में गरीबों के हक का राशन डकार लिया गया हैं। सूत्रों के हवाले से ये भी पता चला हैं कि, फूड इंस्पेक्टर हर महीने उगाही करता हैं। खैर यह जांच का विषय हैं। इस वजह से कई बार शिकायत के बाद भी दुकान संचालक को उच्च अधिकारियों से संरक्षण मिलता रहा हैं। जिससे संचालक का मनोबल बढ़ता ही रहा हैं। लिहाजा, हितग्राहियों को अपने हक की राशन के लिए इस भीषण गर्मी में कई दिनो तक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।
जिला खाद्य अधिकारी विजय किरण के निर्देश पर प्रेमनगर खाद्य अधिकारी भुवनेश्वर भगत के द्वारा मंगलवार और बुधवार को उचित मूल्य दुकान पहुंचकर हितग्राहियों का बयान दर्ज कर, पंचनामा तैयार कर लिया गया हैं। और संचालक को तीन दिन के भीतर हितग्राहियों को पूरा राशन देने का निर्देश दिया हैं। मतलब 29,30, 31मई तक का। बताया जा रहा हैं कि, इस दौरान सरकारी उचित मूल्य दुकान की संचालन जो कि अनीता स्वयं सहायता समूह द्वारा जनवरी 2023 से किया जा रहा हैं। समूह के सचिव, अध्यक्ष एवं सदस्यों का सेल्समैन से विवाद भी हो गया। आपको बता दें कि, जब फैसला आया की राशन दुकान का संचालन अनीता स्वयं सहायता के द्वारा किया जाएगा। तब उसकी शुरुआती महीनों में समूह के सभी सदस्य मिलकर राशन का वितरण करते थे। लेकिन जैसे राशन की गड़बड़ी होने लगी, तब जाकर समूह के सभी सदस्य मिलकर उनके ही सदस्य राम कुमार भारती को चलाने के लिए दे दिया गया। तब से संचालन राम कुमार भारती के द्वारा किया जा रहा हैं।
वहीं, इस पंचायत के बीडीसी बसराम सिंह सोरी राशन गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाते रहे, और अधिकारियों तक बात पहुंचाता रहा हैं। उन्होंने बताया कि, गरीबों का राशन समय पर नहीं दिए जाने से परेशान हो रहे हैं, अभी तक (29 मई तक) तकरीबन 150 से ज्यादा लोगों को राशन नहीं मिल पाया हैं। जिसकी शिकायत जनपद सीईओ, फूड इंस्पेक्टर, तहसीलदार एवं जिला जनदर्शन में किया गया हैं। उन्होंने आगे कहा कि, फूड इंस्पेक्टर के द्वारा नियमित रूप से कार्रवाई नहीं करने के कारण इस तरह की स्थिति बना हैं। उन्होंने मिली भगत का आरोप भी लगाया हैं।
इधर, फूड इंस्पेक्टर भुवनेश्वर भगत जो लगातार शिकायत मिलने के बाद भी कार्यवाही के नाम पर केवल भोले भाले हितग्रहियों को आश्वासन देकर मूर्ख बना बनाता रहा हैं। लेकिन, अब उसके ठीक विपरीत हितग्राहियों से पंचनामा लेकर कार्रवाई का अनुशंसा करते हुए इसकी शिकायत SDM रामानुजनगर से किया हैं। बहरहाल, अब देखना होगा कि संचालक के खिलाफ अधिकारी कार्यवाही करते हैं या नहीं।
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