मरीजो के लिए नही… यंहा दुर्गंध रोकने के काम आता है स्ट्रेचर

  • खुले सेप्टिक टैंक की बदबू अस्पताल में फैली
  • मरीज व स्टाफ परेषान, स्ट्रेचर से ढ़ाक रखे है टैंक
  • सैप्टिक टैंक में गिरने से मरीज की हो चुकी है

अम्बिकापुर

जिला अस्पताल परिसर में खुला सेप्टिक टैंक मरीजों व स्टाफ की परेशानी का सबक बना हुआ है। अस्पताल प्रबंधन का यह आलम है कि उस खुले सेप्टिक टैंक को बन्द करवाने की बजाये उसे टूटे फूटे स्ट्रेचर से ढ़ाक कर रखा गया है। इससे बदबू अस्पताल के अन्दर वार्डों में भी फैल चुकी है। कई बार वार्ड की सफाई करने के बाद भी वहा बदबू का आलम बना रहता है। जिला अस्पताल के सीताराम वार्ड व महिला आर्थो वार्ड के पीेेछे पिछले कई महिनों से खुला सेप्टिक टैंक वहा दाखिल मरीजों व स्टाफ के लिए जहमत बन चुका है। ambikapur dist hospital

गौरतलब है कि जिला अस्पताल परिसर में खुले सेप्टिक टैंक में गिरने से पूर्व में एक मरीज की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस खुले टैंक को बन्द करने अभी तक कोई पहल नही की गई। एक ओर अस्पताल को साफ सुथरा रखने के लिए प्रबंधन कई प्रकार की कवायद कर रहा है। वही इस खुले टैंक की ओर किसी का ध्यान नही है। महिला आर्थो वार्ड के पीछे न सिर्फ खुला टैंक है बल्कि उसके आस पास गंदगी का आलम हर समय बना रहता है। प्रबंधन ने इस ओर गंभीरता न दिखाते हुए उस टैंक को कचरे व स्टेªचर से ढ़क कर छोड़ दिया है। टैंक से निकलती बदबू से महिला सर्जिकल, बर्न वार्ड, सीताराम वार्ड, महिला मेडिकल व महिला  आर्थो वार्ड के लोग परेशान है। खुले टैंक में कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।