बलरामपुर.(कृष्णमोहन कुमार)..प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही सरकार ने प्रदेश में नई खनिज नीति बनाई थी..जिसके तहत प्रदेश की नदियों और नालों से रेत के उत्खनन और भंडारण के लिए ..निविदा प्रक्रिया के माध्यम से रेत उत्खनन का ठेका दिया गया था..और उसी खनिज नीति के तहत रेत उत्खनन से सम्बंधित दिशा निर्देश जारी किया गया था..जिसमे मजदूरों और मशीनरी की उपयोग का उल्लेख किया गया था..वही खनिज नीति को ताक में रखकर ..राजनीतिक रसूख के बलबूते रेत उत्खनन का मामला सामने आया है..
दरअसल जिले के वाड्रफनगर विकासखण्ड के ग्राम मेंढारी में इरिया नदी से रेत उत्खनन का ठेका दिया गया था..लेकिन ठेकेदार द्वारा सरकारी दिशा निर्देश का खुलेआम उलंघन किया जा रहा है..रेत परिवहन में लगे वाहनों का टीपी (ट्रांसपोर्ट परमिशन) भी मौके पर जारी न करते हुए.. अन्यंत्र स्थान से जारी किया जा रहा है..जिले के खनिज अमला दबी जुबान से यह बात भी स्वीकार करता है..की रेत उत्खनन में खनिज नीति का पूरी तरह पालन नही किया जा रहा..लेकिन बावजूद इसके खनिज अमला राजनीतिक रसूख के चलते अपनी मौन स्वीकृति देने पर मजबूर है..इसके अलावा खनिज विभाग से बगैर अनुमति के रेत का अवैध भंडारण किया जा रहा है..
ऐसा नही है कि एसडीएम नायब तहसीलदार को भी ठेकेदार द्वारा खनिज नीति का उलंघन करने की भनक नही है..बावजुद इसके राजस्व अमले ने भी चुप्पी साध ली है..जो अपने आप मे कई सन्देहों को जन्म दे रहा है..खनिज अमला कार्यवाही करने के नाम पर इसकी टोपी उसके सर की तर्ज पर राजस्व अमले के सर मड़ रहा है..और राजस्व अमला खनिज अमले के सर मड़ रहा है..जिससे साफ जाहिर है.की स्थानीय प्रशासन ठेकेदार के सम्मुख किस तरह से नतमस्तक है.