कोरिया. जिले के मनेन्द्रगढ़ में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. इस बार देवउठनी एकादशी पर मंदिर में भगवान के विवाहोत्सव का आयोजन किया गया.
पर्व के संबंध में श्री राम मंदिर के महंत पंडित ओम नारायण द्विवेदी ने बताया कि देवउठनी एकादशी को हरिप्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं. माना जाता है कि भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए सो जाते हैं..और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं.. देवउठनी एकादशी के दिन चतुर्मास का अंत हो जाता है..कहा जाता है कि इन चार महीनो में देव शयन के कारण समस्त मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं.. जब देव (भगवान विष्णु) जागते हैं.. तभी कोई मांगलिक कार्य संपन्न हो पाता है.. देव जागरण या उत्थान होने के कारण इसको देवोत्थान एकादशी कहते हैं. इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है.
देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रखकर श्रद्धालुओं ने भगवान की पूजा अर्चनक की..श्रद्धालुओं ने निर्जल आवर जलीय पदार्थों पर उपवास रख कर कथा सुनी..भगवान विष्णु व अपने इष्ट-देव की उपासना कर श्रद्धालुओं ने पारिवारिक सुख समृद्धि की कामना की..