अनिल उपाध्याय/सीतापुर. धान खरीदी केंद्र प्रभारी की मिलीभगत से समिति में फर्जी तरीके से धान खपाया जा रहा है। खरीदी केंद्र प्रभारी राइस मिल से धान लाकर किसानों के नाम से समिति में खपा रहा है। पिछले साल भी धान खरीदी केंद्र प्रभारी द्वारा इस तरह का फर्जीवाड़ा किया गया था। जिसे निरीक्षण के दौरान तत्कालीन कलेक्टर ने रंगे हाथों पकड़ा था। इस बार भी समिति द्वारा खरीदे गए धान की बारीकी से जांच किया जाए तो सारा मामला सामने आ जायेगा।
उक्त मामला धान खरीदी केंद्र नर्मदापुर का है। जहाँ खरीदी केंद्र प्रभारी एवं उसके सहायक द्वारा धान खरीदी की आड़ में भारी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। खरीदी केंद्र प्रभारी एवं सहायक द्वारा राइस मिल से धान लाकर फर्जी तरीके से किसानों के नाम से समिति में खपाया जा रहा है। इस बारे में अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी वो खरीदी केंद्र प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई करने से कतरा रहे है। जिसका फायदा उठाते हुए खरीदी केंद्र प्रभारी एवं सहायक बेखौफ होकर समिति में फर्जी तरीके से धान खपा रहे है। इसके अलावा डीओ की आड़ में भी खरीदी केंद्र प्रभारी एवं सहायक द्वारा काफी गड़बड़ी की गई है। जबकि देखा जाए तो मैनपाट क्षेत्र पथरीला होने के कारण धान की खेती के लिहाज से उपयुक्त नहीं है। यहाँ के किसान ज्यादातर आलू,सरसो और टाऊ की खेती करते है। मैनपाट में उपज कम होने की वजह से किसान धान की खेती में ज्यादा ध्यान नही देते। इसके बाद भी धान खरीदी केंद्र नर्मदापुर में धान की बंपर खरीदी सवालों के घेरे में है। जो आधिकारिक तौर पर जांच का विषय है।
विदित हो कि, कुछ दिनों पूर्व डीओ की आड़ में उठाये गए धान की हेराफेरी की शिकायत पर देवगढ़ स्थित जय हनुमान राइस मिल को सील कर दिया गया था। राइस मिलर डीओ को आड़ में समिति से धान उठाकर उसे धान खरीदी केंद्र प्रभारी के मिलीभगत से समिति में ही खपा रहा था। जिसकी शिकायत मिलने के बाद प्रशासन के अधिकारियों ने राइस मिल को सील कर दिया था। सूत्रों के अनुसार देवगढ़ स्थित जय हनुमान राइस मिल से काफी मात्रा में धान नर्मदापुर समिति में खपाया गया है। इस काम को धान खरीदी केंद्र प्रभारी एवं राइस मिलर के सहयोग से अंजाम दिया गया है। जिसे वो किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से खपाकर सरकार को लाखों का चूना लगायेंगे। इस मामले में धान खरीदी केंद्र नर्मदापुर काफी सुर्खियों में रह है। पिछले साल भी धान खरीदी केंद्र प्रभारी एवं सहायक द्वारा राइस मिल से धान लाकर किसानों के नाम से खपाया गया था। केंद्र प्रभारी द्वारा धान खरीदी का लक्ष्य पूरा करने नियम विरुद्ध तरीके से सालो पुराना धान समिति में खपाया गया था।
इस बात का खुलासा तत्कालीन कलेक्टर कुंदन कुमार के निरीक्षण के दौरान हुआ था। पिछले साल धान खरीदी के दौरान कलेक्टर धान खरीदी केंद्र नर्मदापुर का औचक निरीक्षण करने पहुँचे थे। जहाँ निरीक्षण के दौरान धान खरीदी केंद्र में प्रभारी द्वारा किया गया फर्जीवाड़ा पकड़ में आया था। जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी अधिकारियों ने कार्रवाई के बजाए उस पर मेहरबान नजर आए। जिसका नाजायज फायदा उठाते हुए खरीदी केंद्र प्रभारी द्वारा धान खरीदी में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। इस मामले की अगर बारीकी से जांच किया जाये तो खरीदी केंद्र प्रभारी द्वारा धान खरीदी में किया गया गड़बड़झाला खुलकर सामने आ जायेगा।