मनरेगा मे भ्रष्टाचार का अड्डा बना,, सिलफिली…..

अम्बिकापुर(खबरपथ) सूरजपुर के ग्राम पंचायत सिलफिली में मनरेगा के अंतर्गत हुए और हो रहे कार्यो मे व्यापक अनियमितता और भ्रष्टाचार किया जा रहा है,, और यंहा बहुत ही चतूराई से काम की लीपा पोती की जा रही है।  इस गांव मे योजनाबद्ध तरीके से किसी कार्य को स्वीकृत कराया जाता है ,, और गढ्डे का तालाब तथा तालाब की खुरची गई मिट्टी से सडक बना दी जाती है और न्यूनतम लागत मे कार्य पूर्ण कर अधिकतम राशी का फर्जी मस्टर रोल तैयार कर राशी का गबन किर लिया जाता है,, इतना ही नही अपने काले कारनामो और कार्य की जानकारी को छुपाने के लिए कार्य का बोर्ड तक नही लगाया जाता है और तो और सिलफिली मे मनरेगा का कार्य सुबह 5 बजे से सुबह 11 बजे तक ही करवाया जाता है, जिससे अगर कार्य की शिकायत हुई और कोई अधिकारी इसकी जांच के लिए पहुंचा तो वहां कोई ना मिले,,

ग्राम पंचायत सिलफिली में बलराम के घर के पास एक तालाब निर्माण कराया गया है ,यह निर्माण स्थल पहले से ही एक बहुत बड़ा गड्ढा था , गड्ढा गाँव के दूर होने और यहाँ की भूमि मे मुरुम होने की वजह से ग्रामवासी बीते दिनो मे इस गड्ढे की मुरुम का उपयोग भी करते आए है,,  लिहाजा गांव के उप संरपच रुपदेव कुशवाहा ने योजनाबद्द तरीके से इस गड्ढे पर ही १० लाख का तालाब कार्य स्वीकृत करा लिया, जिससे कम कार्य मे ही अधिकतम राशि का गबन करने मे आसानी हो सके।

उक्त तालाबनुमा भूमि को महज कुछ ही मजदूरों ने बहुत कम समय मे तालाब की शक्ल दे डाली,, जानकारी के मुताबिक मस्टर रोल मे तालाब निर्माण मे मजदूरो की संख्या अधिक दिखाकर मिटटी खुदाई का फर्जी मस्टर रोल तैयार किया गया है औऱ शासकीय राशी को गबन किया गया है ,, हैरत की बात है कि गांव के दबंग उप सरंपच रुपदेव कुशवाहा द्वारा कराए जा रहे इस निर्माण कार्य के दौरान ना ही कोई पंचायत कर्मी यंहा रहता था ना ही रोजगार सहायक ।

इसी प्रकार इसी गांव मे मानिक के घर के पीछे एक और तालाब का निर्माण किया गया ,, इस तालाब में पहले से गड्ढे होने जैसी कोई बात नहीं थी ,लेकिन इस दोनों तालाब के ठीक बीच से दो मिटटी की सड़क निर्माण कराया जा रहा है, एक सड़क को पश्चिम दिशा की और गोंडपारा के खेत तरफ तथा दूसरी सड़क उत्तर दिशा की ओर नाले की तरफ बनाया जा रहा है , इस सड़क में डाले जाने वाली मिटटी की खुदाई मजदूरों के द्वारा नहीं की गई है  ,इन सड़कों को बनाने के लिए इस तालाब की खोदी गई मिटटी ही ट्रेक्टर के माध्यम से सड़क निर्माण के लिए डाल दी गई है। जिससे इस पर लगने वाला मिट्टी और मजदूर का खर्च भी बच गया और सड़क का निर्माण भी हो गया |इतना ही नही सड़क की चौड़ाई और ऊंचाई भी नियम के विरुद्ध कम रखी गई है,,  जिससे की वह सडक कम लागत पर बने और ज्यादा राशी का गबन किया जा सके |

पूरे भ्रष्टाचार का खुलासा इसी बात से हो जाता है कि सड़क तो बनी है लेकिन आस पास कोई मिटटी खुदाई का कोई निशान तक नजर नही आता है।

 

जब काम पूरा हो जाता है तो एक बरसात का मौसम इनके इस गबन पर चादर डालने का काम कर देता है,,  और ऐसे मे शिकायतो के बाद अगर किसी ने जांच मे देरी की तो पंचायत को अपने ढंग से चलाने वाले उप सरंपच महोदय का कहना होता है कि कार्य तो पुरी गुणवत्ता से किया गया था, लेकिन मिटटी का काम था,, लिहाजा पानी गिरने इसकी गुणवत्ता मे फर्क पड जाता है |  सिलफिली ग्राम पंचायत मे चाहे भले काम हुआ,, हो या ना हुआ हो,,  सड़क पर अब बड़े-बड़े घास जम हों , या ज्यादा लाभ लेने के लिए सडक को उपयोग विहीन जगह पर बनाया जा रहा हो,, इससे कोई फर्क नही पडता है,, और अगर सिलफिली की कोई पंचायती रोड अगर गुम गई हो,, तो गांव के दंबग उप सरपंच  को ये कहते आसानी से सुना जा सकता है कि है कि,, सड़क तो बनी थी लेकिन यहाँ के किसानो के द्वारा इसे काट कर अपने खेत में मिला लिया गया है

कृषि प्रधान इस गांव के उप सरंपच द्वारा जिन गिने चुने मजदूरो का चयन किया जाता है उनमे से ज्यादातर दूसरे गांव के होते हैं  ,ताकि गावं के जनप्रतिनिधियो के भ्रष्टाचारी रवैये  की खबर किसी को कानो कान ना हो सके।

बाक्स मे लगाए

अपने गांव के विकास कार्यो पर पेनी नजर रखने वाले कुछ युवाओ ने मामले को संज्ञान मे लेते हुए इसकी शिकायत कई बार सूरजपुर जनपद कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, जनदर्शन के साथ ही जिला पंचायत और लोकपाल(मनरेगा) के समक्ष भी की है। लेकिन कहा ये जाता है कि सिलफिली गांव के दंबग उपसरंपच को,, सरगुजा जिले के एक विधायक का भी सरंक्षण प्राप्त है,, लिहाजा उसके खिलाफ कोई भी कारवाही विधायक से होकर गुजरती है।

राजेश ,, छात्र ,एम.एस.सी(आई.टी)

एक ऐसे ही पुराने मामले मे गांव के सचिव को बलि का बकरा बना कर उसे निलंबित कर दिया गया था,, जिसमे गांव के जनप्रतिनिधियो के खिलाफ कोई कारवाही नही हुई थी,, जिसके बाद से गांव के उपसरंपच रुपदेव कुशवाहा का हौसला इतना बुलंद हो गया कि वो कुछ भी करे कानून बन जाता है। दरअसल गांव मे एक आदिवासी महिला के सरपंच होने की वजह से पंचायत के सभी कार्यो मे उपसरंपच रुपदेव कुशवाहा सीधे तौर पर सम्मलित होता है,,और गढ्डे का तालाब, बिना रुपए खर्च किए सडक बनवा कर वो अभी तक शासन को लाखो की चूना लगा चुका है, जिससे गांव का वास्तविक विकास नही हो सका है।