अम्बिकापुर
शिक्षक पंचायत संवर्ग के शिक्षाकर्मियोें का जिले के बाहर तबादला किये जाने के शासन के निर्णय का विरोध शिक्षाकर्मी संघों ने शुरू कर दिया है। इस निर्णय पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए शिक्षाकर्मी संघों ने कहा कि यदि शासन ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो शिक्षाकर्मी आंदोलन करने बाध्य होंगे ।
सरगुजा जिले में अतिशेष शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया वर्षो से लटकी हुई है एवं संभाग मुख्यालय , ब्लाक मुख्यालय एवं आस पास के स्कूलों में बड़ी संख्या में अतिशेष शिक्षक पदस्थ है। अतिशेष शिक्षकों के समायोजन के लिए जिले मे पद नहीं होने के कारण इन्हें राज्य स्तर पर समायोजन का निर्णय लिया गया है। वहीं शालेय शिक्षाकर्मी संघ के कार्यवाहक प्रांताध्यक्ष सुनिल सिंह , जिलाध्यक्ष सर्वजीत पाठक , शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय संघ जिलाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह व छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ के सचिव मनोज कुमार तिवारी ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर कहा कि शिक्षक पंचायत संवर्ग के कर्मचारियों को अतिशेष बताकर जिले से बाहर तबादला किये जाने की निर्णय शासन ने लिया है , जबकि शिक्षक पंचायत संवर्ग के भर्ती एवं सेवा शर्त में स्पष्ट उल्लेख है कि शिक्षाकर्मियों को जिले से बाहर किसी भी प्रकार से अतिशेष बता तबादला नहीं किया जा सकता । इस तुगलकी आदेश से पूरे प्रदेश के साथ सरगुजा जिले के भी शिक्षाकर्मी परेशान हो गए है । अतिशेष बताकर उन्हे जिले से बाहर किये जाने की तैयारी की गई है। आने वाले दिनों में राज्य स्तरीय समिति द्वारा काउंसलिंग भी कराए जाने की तैयारी है।
सभी शिक्षाकर्मी संघ संयुक्त रूप से इस आदेश का विरोध करेंगे । बताया जा रहा है सरगुजा जिले मेे ही तीनों वर्गो के साढे़ चार सौ शिक्षाकर्मी इससे प्रभावित होंगे , जिनमें अधिकांश वर्ग -03 के शिक्षाकर्मी शामिल है। संघ ने बताया कि 16 नवम्बर को जिले के 51 नियमित शिक्षकों का राज्य स्तरीय समिति द्वारा दिगर जिलों में स्थानान्तरण के लिए काउंसलिंग की घोषित की गई है। इन नियमित शिक्षको के साथ एक शिक्षाकर्मी का भी नाम शामिल किया गया है जो नियम विरूद्ध है। 16 नवम्बर को यदि नियमित शिक्षक के साथ एक शिक्षाकर्मी को अतिशेष बता दिगर जिले में स्थानान्तरण किया गया तो तत्काल विरोध किया जाएगा ।