मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री अक्षर सम्मान समारोह में कहा कि पढ़ाई करने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती। पढ़ना, लिखना और सीखना हर उम्र में हो सकता है। साक्षरता निरक्षर व्यक्ति की जिन्दगी में नई रोशनी भर देती है। इससे व्यक्ति में नए उमंग और आत्मविश्वास का संचार होता है। इसका लाभ उठाकर वे जीवन में आगे और पढ़ने तथा बढ़ने की राह पर अग्रसर होते है।
डॉ. सिंह ने मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह में साक्षर भारत कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राज्य की विभिन्न लोक शिक्षा समितियों, अनुदेशकों और प्रेरकों को सम्मानित किया। डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर ‘मुख्यमंत्री शहरी साक्षरता कार्यक्रम’ का भी शुभारंभ किया। उन्होंने जिन लोक शिक्षा समितियों को सम्मानित किया उनमें जिला लोक शिक्षा समिति रायगढ़ और विकासखंड लोक शिक्षा धरसीवां (जिला रायपुर), खड़गवां (जिला कोरिया) और खरसिया (जिला रायगढ़) शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इनके अलावा सात ग्राम पंचायत स्तरीय लोक शिक्षा समितियों को भी सम्मानित किया। इनमें जिला जशपुर के जोरंडाझरिया, जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के आरागाही, जिला रायपुर के सारागांव, जिला राजनांदगांव के केकतीटोला, जिला बस्तर के चपका और जिला मुंगेली के हथनीकला की लोक शिक्षा समिति शामिल हैं। उन्होंने इन समितियों के अनुदेशकों और प्रेरकों को भी सम्मानित किया।
डॉ. सिंह ने इन समितियों तथा साक्षर भारत कार्यक्रम में सहयोग देने वाले समस्त प्रेरकों और अनुदेशकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर साक्षर भारत कार्यक्रम के ब्रोशर और ‘साक्षर भारत कार्यक्रम-राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी छत्तीसगढ़’ नामक पुस्तिका तथा सरगुजा जिले के साक्षरता पोस्टर का विमोचन भी किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप, राज्य शिक्षा आयोग के अध्यक्ष श्री चन्द्रभूषण शर्मा, राज्य बीज निगम आयोग के अध्यक्ष श्री श्याम बैस, छत्तीसगढ़ राज्य संस्कृत विद्यामंडलम् के अध्यक्ष डॉ. गणेश कौशिक, विधायक श्रीमती सरोजनी बंजारे तथा स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री विकासशील सहित साक्षरता मिशन के अधिकारी तथा अनुदेशक और प्रेरक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
समारोह में मुख्यमंत्री डॉ सिंह ने कहा
जब छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ तो हमारे सामने कई चुनौतियां थी। इनमे साक्षरता भी एक बड़ी चुनौती थी। इसे राज्य में चलाए जा रहे साक्षर भारत के सफल क्रियान्वयन की बदौलत से हमने इसका सामना किया और सफलता प्राप्त की है। आज हमं साक्षर ही नहीं, बल्कि डिजिटल साक्षर भी हो रहे हैं। हमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ को शत-प्रतिशत साक्षर बनाना है। इसके लिए पचास फीसदी से कम साक्षर जिलों में विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है।
स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा राज्य में मुख्यमंत्री डॉ. सिंह के मार्गदर्शन में साक्षर भारत कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है। यही वजह है कि राज्य को हर वर्ष साक्षरता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार मिलता रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी छत्ताीसगढ़ को देश में साक्षरता का सर्चोच्च पुरस्कार मिला है। इसके लिए उन्होंने राज्य साक्षरता मिशन की पूरी टीम को बधाई को दी। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे प्रयासों के कारण निरंतर प्रगति कर रहे है। कश्यप ने कहा कि आज डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री शहरी साक्षरता कार्यक्रम की घोषणा की है। यह कार्यक्रम प्रदेश में शहरी साक्षरता को बढ़ावा देने की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। स्वागत भाषण स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव विकासशील ने दिया। मुख्यमंत्री के हाथों जिला स्तरीय अक्षर सम्मान रायगढ़ कलेक्टर अलरमेल मंगई डी ने और विकासखंड स्तरीय सम्मान संबंधित जनपद पंचायतों के अध्यक्षों तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारियों ने ग्रहण किया। ग्राम पंचायत स्तरीय लोक शिक्षा समितियों का अक्षर सम्मान वहां के सरपंचों और अनुदेशकों ने ग्रहण किया।