छत्तीसगढ़ के सस्पेंडेड एडीजीपी जीपी सिंह के खिलाफ गुरुवार देर रात 12 बजे राजद्रोह के तहत अपराध दर्ज किया गया है। छापे के दौरान जीपी के घर से कुछ चिट्ठियां मिली थीं, फटे हुए पन्ने और पेन ड्राइव मिले थे, जिसकी जांच में सरकार के खिलाफ साजिश रचने की बाते सामने आई है। एडीजीपी के खिलाफ सिटी कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि एसीबी ने भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी जीपी सिंह और उनके निकट संबंधियों के ठिकानों पर इस महीने की एक से तीन तारीख के बीच रेड मारा था। उस दौरान जीपी सिंह और उनके संबंधियों की करीब 10 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति की जानकारी मिली थी। एसीबी की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने एडीजीपी जीपी सिंह को सस्पेंडड कर दिया था।
रायपुर पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने शुक्रवार को बताया कि एसीबी के एक पत्र के आधार पर कोतवाली थाने की पुलिस ने राज्य के सस्पेंडेड एडीजीपी गुरजिंदर पाल सिंह उर्फ जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज कराया है।
यादव ने बताया कि एसीबी ने एक पत्र लिखकर पुलिस को जानकारी दी थी कि सिंह के निवास स्थल की तलाशी के दौरान घर के पिछले हिस्से में कुछ कागजों के फटे हुए टुकड़े मिले थे। जब इन टुकड़ों को मिलाकर कर देखा गया, तो कुछ गंभीर और संवेदनशील तथ्यों की जानकारी मिली।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि एसीबी के अनुसार डायरी के पन्नों और पेन ड्राइव से निकाले गए दस्तावेजों से सरकार विरोधी गतिविधियों के संकेत मिले थे। ACB ने दस्तावेजों का ब्योरा तीन दिन पहले ही पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने कार्रवाई के पहले करीब 2 दिनों तक इनका परीक्षण किया। उसके बाद छापेमारी में शामिल अफसरों का बयान लिया गया। उनके बयानों और दस्तावेजों के आधार पर मामला दर्ज किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एसीबी के पत्र के आधार पर पुलिस ने सिंह के खिलाफ राजद्रोह और भारतीय दंड संहिता की धारा 153-क के तहत मामला दर्ज कर लिया है। और मामले की जांच की जा रही है।