SBI लाइफ से 11 लाख 5 हजार की वसूली के निर्देश…

दुर्ग

“हितेश शर्मा”

जिला उपभोक्ता फोरम ने एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को 11 लाख 5 हजार रुपए देने के निर्देश दिए है। यह राशि कंपनी के सुपेला ब्रांच प्रबंधक और मुख्य प्रबंधक (लीगल) को संयुक्त रुप से देने होंगे। कुल राशि में 10 लाख रुपए क्लेम और एक लाख रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति शामिल है। साथ ही पांच हजार रुपए वाद व्यय भी शामिल है। यह निर्देश जिला उपभोक्ता फोरम की अध्यक्ष मैत्रेयी माथुर व सदस्य राजेन्द्र उपाध्याय ने परिवाद पर फैसला सुनाते दिया है। परिवाद रेलवे के कर्मचारी कालका पारा डोगरगढ़ निवासी राज विलास (46) ने प्रस्तुत किया था।

सुपेला ब्रांच से एसबीआई की पॉलिसी 21 जून 2014 को खरीदा था
परिवाद के मुताबिक परिवादी की पत्नी उषा डोंगरे शिक्षा विभाग में पदस्थ थी। उसने सुपेला ब्रांच से एसबीआई की पॉलिसी 21 जून 2014 को खरीदा था। इसके लिए प्रीमियम राशि भी जमा की थी। पालिसी खरीदने के छह माह बाद 21 दिसंबर 2014 को उषा की मौत हो गई। नामिनी होने के नाते 10 लाख क्लेम राशि के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। शाखा प्रबंधक ने क्लेम आवेदन का न तो जवाब दिया और न ही राशि दी।

नोटिस के बाद दिया जवाब
क्लेम राशि नहीं देने पर परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सात फरवरी 2015 को नोटिस दिया था। नोटिस मिलने पर एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंधक ने खुलासा किया कि बीमा शर्तों के आधार पर क्लेम आवेदन को निरस्त कर दिया गया है।

बचाव में कहा
जिला उपभोक्ता फोरम में सुनवाई के दौरान कंपनी ने तर्क प्रस्तुत किया कि बीमाधारक ने साक्ष्यों को छुपाया है। दरअसल उषा ने स्वयं को शिक्षा विभाग का कर्मचारी बताते पांच लाख रुपए वार्षिक आय होने का दावा किया था। वास्तविकता यह है कि विभाग ने उसे निलंबित कर दिया था और कर्मचारी की मासिक आय केवल 19,792 रुपए थी। दस्तावेज में इसका उल्लेख नहीं होने के कारण ही क्लेम आवदेन को निरस्त किया गया।