बलरामपुर-
छत्तीसगढ सरकार ने राज्य मे विकास की अविरल धारा बहाने के उद्देश्य से वर्ष 2012 मे नौ जिले का निर्माण किया गया था,जिसमे से एक सरगुजा से पृथक कर बलरामपुर को राजस्व जिले का दर्जा दिया गया था,और शासन के फरमान के बाद फौरी तौर पर जुगाड के संसाधन के साथ जिला मुख्यालय बलरामपुर मे परिवहन विभाग को छोडकर शेष अन्य विभागो की स्थापना की गई थी,और लंबे समय अंतराल के बाद वर्ष 2017 मे 2 फरवरी को परिवहन विभाग की स्थापना की गई थी,लेकिन वह भी विभाग प्रमुख विहीन है,मुख्यालय के परिवहन दफ्तर मे शेष 3 सहायक ग्रेड श्रेणीयो के कर्मचारीयो के भरोसे ही अपनी सांसे गिन रहा है।
वही अर्षो इंतजार के बाद जिलेवासियो को परिवहन कार्यलय का कोई लाभ अब तक मयस्सर नही हो पा रहा है,और संभाग मुख्यालय पर ही परिवहन विभाग का कामकाज निर्भर है,मुख्यालय स्थित परिवहन कार्यालय मे इन दिनो ड्राईविंग लाईसेंस संबधि काम निपटाया जा रहा है,इसके अलावा वाहनो के परमिट आबंटन,फिटनेस और रजिस्ट्रेशन के कार्य संभाग मुख्यालय मे ही किया जा रहा है,और मुख्यालय का परिवहन दफ्तर नाम मात्र साबित हो रहा है।
जानकार सूत्रो की माने तो सरगुजा संभाग के तीन जिलो सरगुजा,सुरजपुर,बलरामपुर मे जिला परिवहन अधिकारीयो की नियुक्ति शासन स्तर पर अबतक नही की गई है,तथा इन तीन जिलो मे जिला परिवहन अधिकारी का दायित्व क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एस.एस.कौशल सम्हाल रहे,जिसके चलते परिवहन विभाग से संबधित कार्यो मे रोडा उत्पन्न हो रही है।
माननीयो का केवल आश्वासन……
छत्तीसगढ के सीमावर्ती जिले बलरामपुर मे जिला निर्माण के बाद से ही परिवहन विभाग की मांग जोरो पर थी,और जिले के प्रवासो पर पहुँचे अलग-अलग मंत्रीयो समेत खुद राज्य सरकार के आलाकमान को भी इस संबध मे ज्ञापन देने का दौर चरम सीमा पर था,बावजूद इसके जिलेवासीयो को केवल आश्वासन ही मिला ,तथा पाँच साल के लंबे इंतजार के बाद जिला मुख्यालय मे परिवहन विभाग संचालित किये जाने की सौगात मिली ,लेकिन वह सौगात भी किस काम की जो केवल सात्वना मात्र समान हो,राज्य के परिवहन मुख्यालय ने अपने फेहरिस्त के क्रम मे सीजी 30 बलरामपुर को आबंटित किया था ,पर वह किसी भी वाहनो पर अंकित दिखाई नही देता ।