- सूचना का अधिकार पर हुआ खूलासा।
- राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की तैयारी।
चिरमिरी
चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने सूचना का अधिकार पर जानकारी प्राप्त किया है कि रामानुजगंज के तात्कालिक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) निर्मल के द्वारा अपने कार्यकाल में अपने उत्तरदायित्वों का पालन नही किया है उन्होने अपने पूरे कार्यकाल में ना के बराबर कार्य किया है। आरटीआई कार्यकर्ता ने इस संबंध में जानकारी प्राप्तकर राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत करने की बात कही है।
आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने सूचना का अधिकार पर कलेक्टर बलरामपुर को एक आवेदन भेजकर तात्कालिक एस.डी.एम. रामानुजगंज श्री निर्मल के रामानुजगंज में कार्यकाल में प्रतिबंधित प्लास्टिक, ओवर लोड वाहन, स्कूल, मंदिर आदि के निकट प्रतिबंधित तम्बाखू उत्पाद, शराब दुकान, शासकीय भूमि पर अतिक्रमण, होटलों में मिलावट, राषन दुकान, विवाह आदि में आमंत्रित मेहमानों की संख्या, आदि के संबंध में किये गये कार्यवाही व इस संबंध में वसूली गयी राषि की जानकारी (केवल अंकों में) की मांग की थी।
कलेक्टर बलरामपुर द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता के इस आवेदन को रामानुजगंज वर्तमान एसडीएम को सूचना का अधिकार की धारा 6(3) के तहत् स्थानांतरित कर दिया गया। इस अधिनियम में निर्धारित समय 30 दिनो के भीतर आरटीआई कार्यकर्ता को जानकारी नही दिया गया तब आरटीआई कार्यकर्ता ने विधि अनुसार अपर कलेक्टर बलरामपुर को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19(1) पर प्रथम अपील भेजा गया। इस प्रथम अपील की सूनवायी के लिए अपर कलेक्टर बलरामपुर द्वारा 17.11.2015 को तिथि निर्धारित किया गया। इस प्रथम अपील की सुनवाई के पूर्व ही दिनांक 9.11.2015 को आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा को एक पत्र भेजकर वर्तमान एसडीएम रामानुजगंज के द्वारा तात्कालिक एसडीएम श्री निर्मल के कार्यकाल में विभिन्न प्रकार के कार्य के संबंध में की गयी कार्यवाही की लिखित जानकारी प्रदान किया गया।
अपने कार्यकाल में एसडीएम द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण
वर्तमान एसडीएम रामानुजगंज के द्वारा बताया गया कि तात्कालिक एसडीएम श्री पी आर निर्मल के द्वारा उनके कार्यकाल में प्रतिबंधित प्लास्टिक, ओभर लोडेड वाहन, स्कुल, मंदिर आदि के निकट प्रतिबंधित तम्बाकु उत्पाद, शराब दुकान, शासकीय भुमि पर अतिक्रमण, होटलों में मिलावट, विवाह आदि में आमंत्रित मेहमानों की संख्या पर कोई कार्यवाही नही किया गया है उनके द्वारा केवल 4 राशन दुकानों को खाद्य निरीक्षक के प्रतिवेदन के आधार पर निरस्त किया गया है और इन राषन दुकानों द्वारा उचित मूल्य दुकान संचालन में की गई अनियमितता के कारण 68685 रू. की राशि वसूलीकर शासन के खाते में चालान के माध्यम से जमा किया गया है।
इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने बताया कि इस जनकारी के आधार पर वे राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत करेगें कि एैसे काम ना करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध विधि संम्मत कार्यवाही किया जाय।
इस दस्तावेज के आधार पर मामले की हुआ खुलासा